देहरादून/चमोली: उत्तराखंड में चीन सीमा के पास ऊंचाई वाले पहाड़ों पर तैनात भारतीय सेना के जवानों का कहना है कि वे विशेष मिशन के साथ-साथ जोशीमठ में राहत और बचाव कार्यों के लिए तैयार हैं. सैनिकों ने सभी अभियानों या मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम देने का भरोसा जताते हुए कहा कि उन्हें सौंपे गए किसी भी काम को पूरा करने के लिए वे तैयार हैं.
बता दें कि, सैनिकों को स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए ऑपरेशन के लिए बुलाए जाने की स्थिति में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ उत्तराखंड सेक्टर में लगभग 14 हजार फीट की ऊंचाई वाले स्थानों पर तैनात सैनिक कई भूमिकाएं निभा रहे हैं.
कैंप में तैनात एक सैनिक का कहना है कि भारतीय सेना द्वारा सौंपे गए किसी भी काम या टास्क को करना उनकी जिम्मेदारी है. चाहे वह प्राकृतिक आपदा हो या कोई विशेष मिशन. हमारी एक टुकड़ी जोशीमठ आपदा के लिए प्रशिक्षण ले रही है. टुकड़ी को ऑपरेशन में योगदान देने के लिए तैयार किया जाएगा.
कैंप में प्रशिक्षण ले रहे सेना का जवानों का कहना है कि जहां एक ओर सैनिक सीमा पर पर्वतीय युद्ध की तैयारी कर रहे हैं, वहीं जोशीमठ में भू-धंसाव के मामलों में आई दरारों के कारण आपदा राहत कार्यों में स्थानीय प्रशासन को सहयोग देने के लिए भी वे पूरी तरह तैयार हैं.