फिरोजाबाद: टीबी मरीजों की बढ़ती संख्या पर काबू पाने और साल 2025 तक इस बीमारी को खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग एक नया कदम उठाने जा रहा है. इसके चलते टीबी मरीजों का इलाज तो होगा ही. इसके अलावा उनके संपर्क में लोगों और परिजनों को भी एक विशेष थेरेपी दी जाएगी, जिससे इस बीमारी के कीटाणुओं का असर टीवी मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों पर न पड़े और वह इस बीमारी से बचे रहें. फिरोजाबाद एक औद्योगिक शहर है और यहां कारखानों में बड़ी तादात में चूड़ी और कांच की सामग्रियों का उत्पादन होता है. लिहाजा इन कारखानों के प्रदूषण से लोग क्षय रोग (टीबी) के शिकार हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक फिरोजाबाद में इन दिनों साढ़े चार हजार टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है. इसके साथ ही टीबी के अन्य मरीजों की खोजबीन जारी है. केंद्र सरकार के तय लक्ष्य के मुताबिक साल 2025 तक इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म करना है. इसके चलते स्वास्थ्य विभाग भी सक्रिय है और इलाज के साथ इसके बचाव के लिए लोगों को सतर्क करने में लगा है. हेल्थ एक्सपर्ट मानते हैं कि फेफड़े की टीबी का मरीज कम से कम 15 लोगों को संक्रमित कर सकता है. इसलिए ऐसे मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों पर ध्यान देने की जरूरत है.