चार साल बाद फिर एक हुए चाचा-भतीजा, प्रसपा का सपा में विलय के साथ अस्तित्व समाप्त
लखनऊ : प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (Pragatisheel Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अपनी पार्टी का समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में विलय कर दिया है. 29 अगस्त 2018 को शिवपाल ने अखिलेश से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी, लेकिन चार साल बाद चाचा भतीजा फिर करीब आए हैं और अब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का अस्तित्व खत्म हो गया है. अब शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के नेता के तौर पर जाने जाएंगे. दरअसल, यह कुनबा समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिंपल यादव के मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारी अंतर से जीत के बाद एक हुआ है. इस जीत में शिवपाल सिंह यादव ने अहम भूमिका निभाई है. इस जीत के बाद अखिलेश यादव स्वयं शिवपाल सिंह यादव के पास पहुंचे और उन्हें समाजवादी पार्टी का झंडा देकर पार्टी की सदस्यता दिलाई. इसके बाद प्रसपा मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने अपनी पार्टी का समाजवादी पार्टी में विलय करने का एलान कर दिया. पार्टी अध्यक्ष के इस कदम से पार्टी के नेता और कार्यकर्ता काफी खुश हैं. प्रसपा कार्यालय पर मौजूद नेताओं ने अपने मुखिया के इस कदम की प्रशंसा की है. "ईटीवी भारत" से बात करते हुए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अरविंद यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी परिवार पहले भी एक था और हमेशा एक ही रहेगा. विपक्षी पार्टी ने छूरा घोंपने का पूरा प्रयास किया, लेकिन यह दांव उस पर ही उल्टा पड़ गया. मैनपुरी सीट पर हुई बड़ी जीत में पार्टी अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की बड़ी भूमिका रही है, इसीलिए अब दोनों परिवार फिर एक साथ हो गए हैं. दोनों पार्टियां भी एक हो गई हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए बड़ी खुशी की बात है.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:35 PM IST