उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

यहां खुली हैं नेता बनाने की 'दुकान', कुर्तों के रंग से पता चलता है किस पार्टी का है रुझान!

By

Published : Apr 18, 2023, 2:00 PM IST

a

लखनऊ : राजधानी का पुराना विधायक निवास दारुलशफा और वहां की राजनैतिक चर्चाएं. वर्षों से यह जगह सियासी चटखारों से गुलजार रही हैं. इसके साथ ही यहां खुली हैं नेता बनाने की 'दुकानें'. खादी के कुर्ता पायजामा, सदरी और गमछा बहुत कम दामों में ही आप को नेता बना देंगे. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और बड़े-बड़े नेताओं के कपड़े दारुलशफा की दुकानों से बनकर ही जाते रहे हैं. बदलते समय में फैशन का रिवाज बदल गया है. धोती और ढीले पायजामे ने अब चूड़ीदार पजामी और फिट पैंट ने ले लिया है. खादी के साथ लिनन का महंगा कपड़ा भी नेताओं की पसंद बनता जा रहा है. भगवा रंग की डिमांड बहुत अधिक हो चुकी है. माना जा रहा है कि इस बार निकाय चुनाव में भी भगवा रंग का ही जोर नजर आएगा.

 

बिहार के मधुबनी से तीन पीढ़ी पहले आए दस्तकारों ने लखनऊ में नेताओं के लिए बड़ा काम किया है. लंबे समय से लखनऊ के दारुलशफा विधायक निवास में करीब एक दर्जन दुकानें हैं. बिहार के मधुबनी के कारीगरों की हैं. यहां के दुकानदार महफूज बताते हैं कि 'उनकी तीन पीढ़ी से यह दुकान चल रही है. प्योर खादी और लिनन बेचते हैं. खादी का कुर्ता पायजामा 1500 रुपए में तैयार कर देते हैं. उन्होंने बताया कि समय के साथ फैशन बदल रहा है. धोती और ढीले पायजामे की मांग अब नहीं है. जबकि अब चूड़ीदार पायजामा ज्यादा चल रहा है. साथ ही खादी की पेंट की भी बहुत मांग है. उन्होंने बताया कि रंग बिरंगी सदरी नेताओं को भा रही है, जबकि गांधी टोपी का फैशन समाप्त हो चुका है. उसका स्थान गमछे और अंग वस्त्र ने ले लिया है.'

एक अन्य व्यापारी हाजी भाई ने बताया कि 'उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के कपड़े उनकी दुकान से बनकर जाते हैं. ऐसे ही स्वामी प्रसाद मौर्य, सुरेश कुमार खन्ना जैसे बड़े नेता दारुल शफा की खादी के मुरीद हैं. निवर्तमान विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के कपड़े भी यहीं से बन कर जाते हैं. उन्होंने बताया कि हम सस्ते में ही नेता तैयार कर देते हैं. नेता हमारे बाजार से खुश हैं. हाजी भाई बताते हैं केवल कपड़ा ही नहीं हम बेचते हैं, हमारा कपड़ा सिलवाने का भी काम है.'

ABOUT THE AUTHOR

...view details