वाराणसी :इन दिनों रंगीन मछलियों को पालने का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है. इस बढ़ते ट्रेड का परिणाम है कि एक्वेरियम कारोबार में बूम पर है. क्या आप जानते हैं कि एक्वेरियम सजावट के साथ तरक्की और संपन्नता खुशहाली का भी काम करता है. वहीं अगर एक्वेरियम को घर में रखने के तरीके में गलती हो जाए तो यह गलती बड़े नुकसान का कारण बन सकता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में रखी सभी वस्तुओं का दैनिक जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है. अगर घर में वस्तुएं गलत जगह पर रखी होती हैं तो परिवार को नकारात्मकता का सामना करना पड़ता है. वास्तु के अनुसार घर के उत्तर पूर्वी भाग में जल तत्व से जुड़ी हुई चीजें रखने से धन का आगमन और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इसलिए लोग अपने घरों में एक्वेरियम रखते हैं.
घर छोटा हो या बड़ा, ऑफिस हो या होटल लगभग सभी जगहों पर आपको एक्वेरियम देखने को मिल जाएंगे. एक्वेरियम रखने का ट्रेंड जिस तरह से बढ़ा है. इससे इस कारोबार को बूम पर ला दिया है. जानकारी के मुताबिक महीने भर में एक छोटा कारोबारी 30 से 40 हजार का कारोबार कर लेता है. कारोबारियों का कहना है कि पिछले 30 सालों में इस कारोबार में बड़ा बदलाव हुआ है.
मीन शुभता का होती है परिचायक : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर राजा पाठक ने बताया कि अगर बात हम एक्विरियम करें तो प्राचीन वास्तु शास्त्र के ग्रंथ है. जैसे कि समरांगण सूत्रधार, इसमें मछलियों को शुभ माना गया है और वास्तु शास्त्र के अन्य जितने भी ग्रंथ हैं, कर्मकांड से संदर्भ ग्रंथ हैं उनमें मछलियों को शुभ माना जाता है. यह लोकाचार में भी है कि गृह प्रवेश के समय यदि व्यक्ति मीन देखता है या गौ देखता है तो प्रवेश शुभ माना जाता है. इसी को लेकर के वर्तमान में एक्वेरियम का प्रचलन बढ़ गया है.
एक्वेरियम रखने में दिशा बेहद महत्त्वपूर्ण : प्रो. पाठक ने बताया कि फेंगशुई ज्योतिष में भी मछलियों के पालने का विस्तृत वर्णन मिलता है. उसमें इन्हें घर में रखने की व्यवस्था दी गई है. फेंगशुई ज्योतिष में कहा गया है कि यह लक्ष्मी के आकर्षण का माध्यम होता है. इससे घर में संपन्नता बढ़ती है. इसलिए अब सामान्य लोग भी घर में एक्वेरियम रखते हैं. बात यदि एक्वेरियम की रखने की करें तो यह जल से संबंधित है और जल से संबंधित जो दिशा है वह उत्तर है. इसलिए सामान्य तौर पर इसे उत्तर और पूर्व की दिशा में रखा जा सकता है. फेंगशुई ज्योतिष में मछलियों की संख्या भी बताया गई है. यदि एक्वेरियम में मछलियों की सही संख्या व सही रंग रहेगा तो घर में सुख समृद्धि आएगी. उसमें 9 मछलियों की संख्या को शुभ माना गया है. कहा जाता है कि 9 पूर्णता का पूरक है. इन 9 मछलियों में एक कृष्ण वर्ण की काली मछली और बाकी संतरे एवं लाल रंग की होनी चाहिए. माना जाता है कि एक्वेरियम की मछलियां घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर करती हैं. इससे जीवन में सौभाग्य की वृद्धि होती है. नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
बरतें ये सावधानियां :प्रो. पाठक ने कहा कि एक्वेरियम रखने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी भी जरूरी होती हैं, क्योंकि यदि इसको लेकर लापरवाही बरती गई तो ये परिवार वृद्धि एवं खुशहाली में बाधक हो सकता है. उन्होनें कहा कि कभी भी इसे किचन या भंडार के पास या अंदर नही रखना चाहिए. क्योंकि रसोई अग्नि कोण में बनी होती है. एक्वेरियम में जल होता है, और अग्नि जल का असमान है. इसलिए इससे नकारात्मकता आ सकती है. इसके साथ ही एक्वेरियम का जल स्थिर नहीं होना चाहिए, क्योंकि स्थिर जल का दर्शन हमेशा हानिकारक माना जाता है. इसलिए पानी में बुलबुले हमेशा होने चाहिए. इसके साथ ही पानी गंदा नहीं होना चाहिए, क्योंकि गंदा पानी नकारात्मक उर्जा का परिचायक होता है.
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