वाराणसी:आज गंगा दशहरा का पर्व है. वो दिन जब मां गंगा लोगों को मोक्ष देने के लिए देवलोक छोड़कर धरती पर आई थी. लेकिन अब यही मोक्षदायिनी आज खुद मोक्ष की तलाश में है. शास्त्रों में भी वर्णन है कि गंगा के महज स्पर्श मात्र से लोगों को जन्म-जन्म के पापों से मुक्ति मिल जाती है, लेकिन आज यही मोक्षदायिनी मां गंगा कागजों में फंसकर अपने मोक्ष का इंतजार कर रही हैं. शायद यही वजह है कि गोमुख से निकलकर पहाड़ों के रास्ते मैदानी इलाके तक आने वाली गंगा में अब पानी लगातार सूखता जा रहा है.
सूख रही मोक्षदायिनी मां गंगा
- भीषण गर्मी में जून के महीने में गंगा के जल स्तर में कमी आई है.
- केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो 2015 में गंगा का न्यूनतम जलस्तर 58.67 मीटर था, जबकि 2016 में यह 58.52 मीटर रिकॉर्ड किया गया.
- साल 2017 में गंगा का जलस्तर घटकर 58.27 मीटर रह गया.
- साल 2018 में गंगा का जलस्तर आठ सालों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया और यह 58.1 मीटर रिकॉर्ड हुआ, जो 2010 के 57.16 मीटर के बाद न्यूनतम स्तर पर था.
- 22 मई 2018 को केंद्रीय जल आयोग ने गंगा का जलस्तर बनारस में 57.84 मीटर रिकॉर्ड किया, जो इसी तारीख को पिछले साल 2017 में 58.33 मीटर दर्ज किया गया था.
- केंद्रीय जल आयोग के आंकड़े से स्पष्ट हो रहा है कि गंगा नदी लगातार सूख रही है.
- अगर इस साल महज तीन दिनों में गंगा के जलस्तर के आंकड़ों पर नजर डालें तो 9 जून को गंगा का जलस्तर 58.28 मीटर, 10 जून को 58.26 मीटर और 11 जून को 58.24 मीटर पर पहुंच गया.
- इस बारे में यूपीए सरकार में गंगा निर्मलीकरण के लिए बनाई गई गंगा बेसिन अथॉरिटी के सदस्य रह चुके काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और नदी वैज्ञानिक बीडी त्रिपाठी का कहना है कि चार कारणों से गंगा का जलस्तर तेजी से घट रहा है.