वाराणसी :रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण भारत के छात्रों पर इसका असर देखने को मिला है. यूक्रेन से लौटे छात्रों से गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबतपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मुलाकात की. छात्रों ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद दिया कि उनकी पहल पर सुरक्षित उनकी वतन वापसी हो पाई. मीडिया से बात करते हुए छात्रों ने यूक्रेन की भयावह स्थिति के बारे में बताया. दूसरी तरफ पढ़ाई अधूरी रह जाने के मुद्दे को उठाया.
पीएम मोदी ने यूक्रेन से लौटे छात्रों से की मुलाकात, छात्रों ने कहा नेशनल फ्लैग ने बचाई जान पीएम नरेंद्र मोदी लाल बहादुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर वाराणसी जिले के आसपास के जिलों से यूक्रेन से लौटे छात्रों से पीएम मोदी ने एयरपोर्ट के लाज में मुलाकात की. इस दौरान छात्रों ने पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी दिया. पीएम ने सभी छात्रों से उनके अनुभव के बारे पूछा. इसके बाद पीएम मोदी ने छात्रों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं.
यूक्रेन से लौटी गाजीपुर की श्वेता ने बताया कि हम लोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को थैंक यू बोला है. हम लोगों के लिए जो किया गया है. वहां फंसे अन्य लोगों को भी बाहर निकालने का कार्य किया जा रहा है. उन लोगों ने रिक्वेस्ट किया है कि जो बच्चे फंसे हैं, उन्हें जल्द से जल्द बाहर निकाला जाए. बताया कि उनके कई अन्य साथी लिपिड, मिनिद, सोपवा में फंसे हैं.
पीएम मोदी ने यूक्रेन से लौटे छात्रों से की मुलाकात, छात्रों ने कहा नेशनल फ्लैग ने बचाई जान यह भी पढ़ें:पीएम मोदी के गढ़ पहुंची प्रियंका गांधी, रोड शो कर जनता से मांगा आशीर्वाद
वहीं, एक स्टूडेंट ने बताया कि वह रोमानिया बॉर्डर से आ रहा है. रोमानिया बॉर्डर पर 4 दिन तक वह और उसके साथी फंसे रहे. यहां का तापमान माईनस 5 डिग्री के आसपास रहा. वहां न खाने का इंतजाम था और न रहने का. वे लोग 3-4 दिन तक इंतजार करते रहे कि कब बॉर्डर खुले और कब वे लोग उस पार जाएं. जब बॉर्डर खुला तो वे लोग उस पार गए. वहां उन लोगों को एंबेसी के रिप्रेजेंटेटिव मिले. उसके बाद उन लोगों को फ्लाइट मिली जिससे वे लोग मुंबई से घर वापस आ सके.
पीएम मोदी ने यूक्रेन से लौटे छात्रों से की मुलाकात, छात्रों ने कहा नेशनल फ्लैग ने बचाई जान भारतीय फ्लैग बना सहारा यूक्रेन से लौटे स्टूडेंट ने बताया कि 35 किलो लंबा जाम लगने के बाद जब गाड़ी पर भारत के नेशनल फ्लैग को देखा गया तो उन लोगों को पास दिया गया. वे लोग आसानी से एक के बाद एक आगे बढ़ते चले गए. उन लोगों को बहुत सपोर्ट मिला. छात्र ने बताया, 'हम लोगों को एंबेसी द्वारा मदद मिल रही है पर वहां की स्थिति काफी खराब है. वहां पर रोडो पेटेंट चल रहे हैं. मीडिया के माध्यम से पता चला कि एक छात्र की मौत भी हो चुकी है'. छात्र ने आगे कहा कि बॉर्डर से हटकर अंदर एंबेसी वाले मदद पहुंचाने का कोशिश करें जिससे फंसे लोगों को मदद मिल सकती है.
छात्र भविष्य को लेकर चिंतित
यूक्रेन से भारत लौटे छात्रों ने कहा कि रूस और यूक्रेन के हालात सही नहीं है. इससे न्यूक्लियर वार की आशंका भी प्रबल हो गई है. इससे उन लोगों की पढ़ाई खतरे में पड़ सकती है. इन सबके मुद्दे को लेकर उन लोगों ने वाराणसी के कमिश्नर से बातचीत की. उन्होंने प्रधानमंत्री से आगे बात करने का आश्वासन दिया. कहा कि इस विषय में कोई रास्ता निकाला जाएगा. छात्रों ने कहा कि 5 सेमेस्टर पढ़ने के बाद एक सेमिस्टर हम लोगों का बचा है. अगर किसी तरह उस को आगे बढ़ाया जाए तो हम लोगों का भविष्य बचाया जा सकता है.