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वाराणसी: अजन्मी 5 हजार बेटियों का किया गया पिंडदान

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Published : Sep 11, 2020, 4:54 PM IST

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में अजन्मी पांच हजार बेटियों का पिंडदान किया गया. वैदिक रीति-रिवाज के साथ पांच विद्वानों ने यह अनुष्टान संपन्न कराया.

अजन्मी बेटियों का किया गया पिंडदान.
अजन्मी बेटियों का किया गया पिंडदान.

वाराणसी: मोक्ष की नगरी काशी में दशाश्वमेध घाट पर शुक्रवार को पांच हजार अजन्मी बेटियों के मुक्ति की कामना से पिंडदान किया गया. वैदिक रीति-रिवाज के साथ पांच विद्वानों ने यह अनुष्ठान संपन्न कराया. आगमन संस्था की ओर से अब तक कुल 31500 बेटियों का पिंडदान किया जा चुका है. संस्था की ओर से यह कार्य पिछले 6 वर्षों से किया जा रहा है.

बेटों की चाह में अपनों के ही द्वारा गर्भ में मारी गयी अजन्मी बेटियों को धर्म की नगरी काशी में मोक्ष का अधिकार आखिरकार शुक्रवार को मिल गया. संस्था ने आखिरी प्रणाम कार्यक्रम का आयोजन कर बेटियों को मोक्ष का अधिकार दिलाया. संस्थान के सदस्यों के साथ ही घाट पर मौजूद लोगों ने भी इन बेटियों को पुष्पांजलि अर्पित की.

अजन्मी बेटियों का किया गया पिंडदान.

आगमन संस्था के संस्थापक सचिव डॉ. संतोष ओझा ने बताया कि वर्ष 2001 से बेटी बचाओ का अभियान संस्था की ओर चलाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले 6 वर्षों से अजन्मी बेटियों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध का आयोजन किया जाता रहा है.

उन्होंने कहा कि गर्भपात महज एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि हत्या है. ऐसे में कोख में मारी गई उन बेटियों को मोक्ष मिले और समाज से यह कुरीति दूर हो. इसके लिए हम लोग यह आयोजन करते हैं. डॉ. ओझा ने कहा कि उन्हें जीने का अधिकार तो नहीं दे पाए, लेकिन कम से कम उन्हें मुक्ति का अधिकार दे पाएं. इसी सेवा भाव से संस्था की ओर से पिंडदान किया जाता है.

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