उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

यह पद्मश्री मेरे गुरुजनों, माता-पिता और मरीजों को समर्पित : प्रो. कमलाकर

By

Published : Jan 26, 2022, 5:59 PM IST

प्रो. के. त्रिपाठी के नाम से डॉक्टर साहब को हर कोई जानता है. वाराणसी में कैंट रेलवे स्टेशन से रविंद्रपरी होते हुए लंका की तरफ जाने पर एक घर के बाहर बहुत से लोग लाइन लगाकर खड़े दिखाई देते हैं. पूछने पर पता चलता है कि बीएचयू के पूर्व डॉक्टर फ्री में मरीजों को परामर्श देते हैं. पूर्वांचल उत्तर प्रदेश बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और नेपाल तक के मरीज इनके पास आते हैं. ये दिन में लगभग 150 मरीज देखते हैं.

etv bharat
यह पद्मश्री मेरे गुरुजनों, माता-पिता और मरीजों को समर्पित : प्रो. कमलाकर

वाराणसी :भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म अवार्ड की घोषणा की. इसमें चिकित्सा के क्षेत्र में काशी हिंदू विश्वविद्यालय विज्ञान संस्थान के मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रो. कमलाकर त्रिपाठी को पद्मश्री सम्मान के लिए चुना गया. जिले रविंदपुरी एक्सट्रैक्शन में रहते है.

प्रो. कमलाकर त्रिपाठी बीएचयू अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के हेड रह चुके हैं. इसके अलावा 1998 से लेकर 2000 तक जनरल मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष रहे. वह संस्था के प्रभारी के तौर पर भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं. 2008 से 2009 तक इंडिया हाइपरटेंशन सोसायटी के अध्यक्ष रहे हैं.

यह पद्मश्री मेरे गुरुजनों, माता-पिता और मरीजों को समर्पित : प्रो. कमलाकर

इसके अलावा 2009 से 2011 तक यूपी डायबिटीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे हैं. उन्हें 2 अंतरराष्ट्रीय व 15 राष्ट्रीय अवार्ड मिल चुके हैं. काशी हिंदू विश्वविद्यालय की ओर से यूएसए, कनाडा, यूके व नीदरलैंड का भी दौरा कर चुके हैं. प्रो. कमलाकर साहब के बहुत से लेख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हो चुके हैं.

यह भी पढ़ें :Republic Day 2022: तस्वीरों में देखें, आसमान से लेकर जमीन तक छा गया तिरंगा

निस्वार्थ सेवा करते हैं प्रो. के त्रिपाठी

प्रो. कमलाकर त्रिपाठी के नाम से डॉक्टर साहब को हर कोई जानता है. वाराणसी में कैंट रेलवे स्टेशन से रविंद्रपरी होते हुए लंका की तरफ जाने पर एक घर के बाहर बहुत से लोग लाइन लगाकर खड़े दिखाई देते हैं. पूछने पर पता चलता है कि बीएचयू के पूर्व डॉक्टर फ्री में मरीजों को परामर्श देते हैं. पूर्वांचल उत्तर प्रदेश बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और नेपाल तक के मरीज इनके पास आते हैं. ये दिन में लगभग 150 मरीज देखते हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत में प्रो. कमलाकर त्रिपाठी ने कहा, 'यह सम्मान मेरा नहीं बल्कि मेरे यहां आने वाले असहाय मरीज, महामना जी महाराज, हमारे माता-पता और गुरुजनों की सेवा से प्राप्त हुआ है. मैं पेशे से चिकित्सक और शिक्षक हूं. हमारा कार्य ही सेवा करना है. यह सम्मान हमारे यहां आने वाले हर व्यक्ति के यहां आने से मुझे प्राप्त हुआ है. मैं खुद को आभारी मानता हूं कि हमारे यहां मरीज आते हैं. मुझे अपना समझकर अपनी पीड़ा मुझे बताते हैं. काशी की जनता को यह सम्मान समर्पित है'.

मरीज विकास ने बताया कि जब से डॉक्टर साहब बीएचयू से रिटायर हुए, तब से प्रतिदिन सुबह 7 से लेकर 10 बजे तक और फिर शाम को फ्री ऑफ कॉस्ट मरीजों को देखते हैं. एक दिन में लगभग डेढ़ सौ से अधिक मरीज यहां आते हैं. बनारस ही नहीं, बिहार तक के मरीज यहां दिखाने आते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details