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जानिए, जन्म प्रमाण पत्र की कहां और कब पड़ेगी जरूरत, बनवाने के लिए करना होगा बस यह काम

जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र (birth death certificate) अब सिर्फ बच्चों के स्कूल में दाखिले के समय काम आने वाला दस्तावेज नहीं रहा. इसकी जरूरत हर काम में पड़ने वाली है. जन्म मृत्यु पंजीकरण विधेयक 2023 (Birth Death Registration Bill 2023) में हुए संशोधन के बाद जन्म प्रमाण पत्र को सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में पहचान मिल गई है. जानिए कहां-कहां होगी जन्म प्रमाण पत्र की जरूरत और बनवाने के लिए आपको क्या करना होगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 21, 2023, 9:48 PM IST

जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र अब एक जरूरी दस्तावेज.

वाराणसी : जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, सुनने में तो यह आपको एक आम दस्तावेज की तरह ही लगेगा, लेकिन ऐसा नहीं है. जन्म मृत्यु पंजीकरण विधेयक 2023 में हुए संशोधन के बाद जन्म प्रमाण पत्र को सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में पहचान मिल गई है. यहां तक कि यदि आप आधार कार्ड भी बनवाने जाएंगे तो जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य है. इतना ही नहीं, अगर आपके घर में किलकारियां गूंजती हैं तो 21 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी कर ऑनलाइन पोर्टल पर जन्म की सूचना देनी होगी. इससे आगे चलकर आपको परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. अगर 21 दिन के बाद आप इस प्रक्रिया को आगे बढ़ना चाहते हैं तो प्रमाण पत्र तो मिलेगा, लेकिन कुछ कठिनाइयों के बाद. इसलिए जान लीजिए डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र से लेकर फिजिकल जन्म प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया और क्यों जरूरी है नए संशोधन के बाद यह प्रमाण पत्र.
सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज जन्म प्रमाण पत्र: इस बारे में वाराणसी नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एनपी सिंह बताते हैं कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण संशोधन विधेयक 2023 के तहत अब यह देश का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है. आपकी भारत की नागरिकता को सिद्ध करने के लिए जन्म प्रमाण पत्र का होना आवश्यक ही नहीं, अनिवार्य है. डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आप यह कार्य केंद्रीकृत वेबसाइट के माध्यम से आराम से कर सकते हैं. अस्पतालों को भी स्पष्ट निर्देश हैं कि वह जन्म के साथ ही अपनी आईडी से बच्चे का रजिस्ट्रेशन पूर्ण करें.

शैक्षिक प्रवेश से लेकर बैंक खाता खुलवाने तक, सभी में जरूरत :एनपी सिंह कहते हैं कि नए आदेश के बाद अब शैक्षिक प्रवेश, सरकारी नौकरियों, पासपोर्ट, आधार कार्ड, चालान, मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, विवाह के रजिस्ट्रेशन, केंद्र या राज्य सरकार, स्थानीय निकाय पब्लिक सेक्टर, केंद्रीय या राज्य सरकार के अधीन कानूनी निकाय में किसी भी पद पर नियुक्ति के संदर्भ, पासपोर्ट, आधार कार्ड, बैंक खाता खुलवाने तक हर जगह जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाना अनिवार्य हो जाएगा. डॉक्टर एमपी सिंह का कहना है यह बेहद महत्वपूर्ण है और इसमें लापरवाही भारी पड़ सकती है.

क्या है नियम
नियम के मुताबिक जन्म की अवधि के 21 दिन के अंदर जन्म प्रमाण पत्र अस्पताल द्वारा निर्गत या घर पर डिलीवरी होने की कंडीशन में क्षेत्रीय सभासद द्वारा प्रामाणिकता के पत्र के आधार पर आवेदनकर्ता द्वारा अप्लाई किया जा सकता है.
21 दिन के अंदर सीआरएस पोर्टल पर सूचना देने का विधान है और यह बिल्कुल निशुल्क होता है.

कैसे बनवाएं जन्म प्रमाण पत्र

सीआरएस पोर्टल पर जाकर यूजर लॉगिन कॉलम में जनरल पब्लिक साइन अप पर क्लिक कर डिटेल भरने के बाद रजिस्ट्रेशन को पूरा किया जा सकता है.
रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद एक सप्ताह के अंदर जन्म प्रमाण पत्र जारी हो जाएगा.
यदि 21 दिन के बाद जन्म प्रमाण जारी करने के लिए अप्लाई किया जाता है तो 12 रुपये का विलंब शुल्क देना होता है.
यदि 1 साल के भीतर जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवेदन किया जाएगा तो 60 रुपये का शुल्क देय होगा.
1 वर्ष के बाद भी यदि आप इसके लिए प्रयास करते हैं तो भी 60 रुपये विलंब शुल्क के रूप में देने होंगे.
जन्म लेने के कई दिन के अंदर आवेदन करने पर सिर्फ अस्पताल के कागज पर ही कार्य पूर्ण होगा और प्रमाण पत्र जारी होगा, जबकि 21 दिन के बाद अस्पताल द्वारा निर्गत जन्म प्रमाण पत्र या क्षेत्रीय सभासद के लेटर से यह कार्य किया जाएगा.
एक साल के अंदर यदि यह कार्य करवाते हैं तो नियम अनुसार स्वप्रमाणित घोषणा पत्र और आवेदन पत्र रजिस्टर या उप रजिस्ट्रार नगर निगम वाराणसी के नाम देकर माता-पिता का आधार कार्ड उपलब्ध करवाना होगा. यही प्रक्रिया एक वर्ष के बाद भी लागू होगी.
नगर निगम वाराणसी मुख्यालय में नाम अपडेट करने के साथ ही नाम सुधार की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाता है जबकि नया आवेदन करने के लिए वाराणसी के 8 जोन कार्यालय से संपर्क करना होगा.

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