वाराणसी: सावन माह में 12 ज्योतिर्लिंगों में से प्रधान ज्योतिर्लिंग बाबा विश्वनाथ के दरबार में जलाभिषेक के लिए काशी में लाखों कांवरिया श्रद्धालु आते थे. श्रद्धालुओं में विदेशी श्रद्धालु भी रुद्राभिषेक काशी में कराकर पुण्य के भागी बनते थे, लेकिन कोविड-19 की लहर ने पूरी दुनिया को झकझोर के रख दिया और खास इसका असर भारत में भी देखने को मिला. जिसमें मौतों की संख्या बढ़ी तो लोगों की चिंताएं भी बढ़ गई.
इस बीच लगातार 2 सालों से सावन सावन का पवित्र महीना भी काशी में बिल्कुल सुना देखने को मिल रहा है, जबकि सावन के महीने में काशी भोले के देसी विदेशी भक्तों से पूरी तरह से भरी नजर आती थी. ऐसे में काशी में सावन में श्रद्धालु जहां लाखों की संख्या में आते थे. वही अब कुछ ऐसे भी श्रद्धालु हैं जो सात समुंदर पार बैठकर वीडियो कॉल के माध्यम से काशी के केदार घाट पर रुद्राभिषेक कराते नजर आ रहे हैं.
दूर-दूर से हो रहा पूजन
हालांकि जब इस मामले में पुजारी से बातचीत की तो पुजारी का कहना है कि कोविड-19 से श्रद्धालुओं को बचाते हुए और श्रद्धा भाव बनी रहे. इसके लिए हम लोग भी हाईटेक हो गए हैं और हाईटेक इस जमाने में डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं. जिससे दूर बैठे श्रद्धालु भी बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में रुद्राभिषेक करा सकते हैं. सावन माह में ज्यादातर भक्तों का यह ख्वाहिश होती है कि काशी में दर्शन करें और विधि विधान से पूजा अर्चन करें. अब यह चीजें और भी आसान हो गई है. कोविड-19 ने हमें बहुत कुछ सिखा दिया है. देश दुनिया के किसी भी कोने से डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से वह अपनी पूजा काशी में करा सकते हैं.