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जमीयत उलमा की अपील, किसी के बहकावे में न आएं युवा और कानूनी ढंग से लड़ें अपनी लड़ाई

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Published : Jun 16, 2022, 7:13 PM IST

वाराणसी में पुलिस कमिश्नर के साथ हुई बैठक के बाद जमीयत उलमा की तरफ से एक अपील पत्र जारी किया गया है. जिसमें जिम्मेदारियों का एहसास कराते हुए लोकतांत्रिक तरीके से अपने विरोध दर्ज कराने की अपील की गई है.

अपील.
अपील.

वाराणसी/प्रयागराज:ज्ञानवापी मामले को लेकर देशभर में शुरू हुआ विवाद नूपुर शर्मा के बयान के बाद और बढ़ गया है. पिछले 2 सप्ताह से लगातार उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिले समेत देश के कई हिस्से में जुमे की नमाज के बाद हिंसा की घटनाएं सामने आई है. इसके बाद हर तरफ पुलिस अलर्ट दिखाई दे रही है. हालांकि वाराणसी में शुरू से ही बेहद शांतिप्रिय तरीके से नमाज अदा की जा रही है. इस क्रम में गुरुवार को पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश के साथ हुई बैठक के बाद जमीयत उलमा पूर्वी उत्तर प्रदेश की तरफ से एक अपील पत्र जारी किया गया है. जिसमें जिम्मेदार नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराते हुए लोकतांत्रिक तरीके से अपने विरोध दर्ज कराने की अपील की गई है. वहीं, प्रयागराज में मस्जिद के पेश इमाम की तरफ से पत्र जारी कर लोगों से जुमे के दिन शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.

जमीयत उलमा की ओर से जारी पत्र.
जमीयत उलमा पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी हाफिज उबैदुल्लाह की तरफ से जारी किए गए पत्र में लिखा है कि 'इस समय हमारा देश बहुत ही विकट स्थिति से गुजर रहा है. सांप्रदायिकता और नफरत का बाजार अपने चरम पर है, ऐसा लगता है कि कानून व्यवस्था लागू करने वाली एजेंसियां और अधिकारी कानून को लागू करने में और देशवासियों का विश्वास हासिल करने में विफल साबित हो रहे हैं. पीड़ितों की पुकार सुनने वाला कोई नहीं है. ऐसे में एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर हमारी भी कुछ जिम्मेदारियां हैं. निश्चित रूप से एक मुसलमान का इमान तब तक पूर्ण नहीं हो सकता जब तक कि उसके दिल में अपनी अपने माता-पिता और अपनी औलाद से अधिक पैगंबर स.अ. व. का प्यार न हो. हम अपने पैगंबर की शान में गुस्ताखी हरगिज बर्दाश्त नहीं कर सकते. हम कानून के दायरे में लोकतांत्रिक तरीके पर अपना विरोध दर्ज कराएंगे और इसके खिलाफ हर संभव कानूनी कार्यवाही भी करेंगे.' पत्र में आगे लिखा है 'इस संबंध में जमीयत उलेमा ए हिंद की एक याचिका भी सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम सड़कों पर उतर जाएं और असामाजिक तत्वों के जाल में फंस जाएं. हम अपने युवाओं से अपील करते हैं कि खुदा के लिए होश के न खून लो, किसी के बहकावे में हरगिज़ मत आओ. आपका सड़कों पर उतरना सांप्रदायिक शक्तियों की जीत है. वह बस इस इंतजार में है कि आप सड़कों पर उतरे और वह अपने मकसद में कामयाब हो जाएं.'

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लंबे चौड़े लेख के बाद अंत में लोगों से अपील की गई है कि अपने बड़ों पर भरोसा करें और उनके बताए रास्तों पर चले. अल्लाह की तरफ से मुक्त वजह हो, अपने गुनाहों से तौबा करें, नमाज बाजमाउत का एहतेमाम करें. रात लंबी हो सकती है लेकिन सुबह भी इंशाअल्लाह जरूर होगी.

प्रयागराजः जुमे को शांति बनाए रखने की इमाम ने की अपील
प्रयागराज में 10 जून को नमाज़ के बाद हुए बवाल और उपद्रव को देखते हुए शुक्रवार को जुमे की नमाज़ को लेकर खास सतर्कता बरती जा रही है. इसी कड़ी में अलग-अलग मस्जिदों इमाम की तरफ से पत्र जारी कर लोगों से जुमे के दिन शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है. मस्जिद की तरफ से लोगों से कहा जा रहा है कि शांति से नमाज़ पढ़ने के बाद अपने काम और घरों की तरफ लौट जाएं. किसी भी व्यक्ति के बहकावे में आकर कहीं पर भी भीड़ के रूप में एकजुट न हो. इसके साथ ही किसी के भी बहकावे में आकर कोई कदम न उठाएं. मस्जिदों की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि शहर में अमन चैन कायम करने में मदद करें. शांति बनाए रखने और पुलिस प्रशासन का सहयोग करें. अमन चैन बिगाड़ने वालों की साजिश में न फंसे. इसके साथ ही सरकार से अपील की गई है कि उनके धर्म के खिलाफ जो भी गलत बयान बाजी कर नफरत फ़ैलाने का काम कर रहे हैं. उन्हें गिरफ्तार करते हुए खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.

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