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दीवाली पर पटाखे जलाते समय इन बातों का रखें ध्यान, ये सतर्कता बरतें

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 12, 2023, 10:39 AM IST

Updated : Nov 12, 2023, 10:58 AM IST

उत्तर प्रदेश में दिवाली (Diwali in Uttar Pradesh) को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. यहां लोग बड़े ही धूमधाम से दीपावली मनाते हैं. ऐसे में आप पटाखा जलाते समय सावधानी कैसे बरतें. इसके लिए डॉ. अजय कुमार ने लोगों को सावधानी बरतने के उपाय बताए हैं.

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डॉक्टर ने बताई सावधानियां.

वाराणसीःदेशभर में आज रोशनी के त्योहार दीपावली की धूम है. पूरे देश में इस त्योहार को लेकर लोगों में खुशी और उत्साह का माहौल बना हुआ है. लोग एक दूसरे को इस त्योहार की बधाईयां दे रहे हैं. इस त्योहार को लेकर लोग अपने घरों पर दीये जलाएंगे. साथ ही खूब पटाखे भी जलाएंगे, लेकिन पटाखे जलाते वक्त लोगों को कुछ ऐसी बातों का ध्यान रखना होगा, जिससे कि आपका और किसी दूसरे का कोई नुकसान न हो, ज्यादातर मामलों में देखा जाता है कि लोग पटाखों को हाथों में लेकर, उसके करीब खड़े होकर जलाते हैं. ऐसे में वह पटाखे से घायल हो जाते हैं या फिर उनकी आंखों को तकलीफ पहुंचती है. इससे बचने के लिए चिकित्सकों ने कुछ सलाह दी है.

पटाखों के साथ स्टंट
देशभर में आज दीपावली मनाई जा रही है. ऐसी शुभ घड़ी में लोग पटाखे जलाकर खुशियां मनाते हैं, लेकिन पटाखे जलाकर खुशियां मनाते समय लोग ये भूल जाते हैं कि उन्हें उन पटाखों से कितना नुकसान पहुंच सकता है. इसके साथ ही कई लोग तो पटाखों के साथ स्टंट भी करने लग जाते हैं. लोग पटाखों के फूटते समय भी उसके आस-पास ही घूमते फिरते हैं. खुद को निडर दिखाने की कोशिश करते हैं. जबकि पटाखे जलने के बाद प्रदूषण फैलाता है. ऐसे में अगर हम उसके आस-पास खड़े रहते हैं तो हमारी आंखों और पूरे शरीर को नुकसान पहुंच सकता है.

'पटाखों से दूर रहने की दी जाती है सलाह'
राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के डॉ. अजय कुमार ने पटाखों से होने वाले नुकसान के बारे में बताया. डॉक्टर का कहना है कि 'पटाखों से हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. पटाखों से वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण का स्तर तो बढ़ता ही है. इसके बढ़ने से हमारी आंखों और सांस की नली में दिक्कत पैदा हो सकती है. इससे शरीर में और भी कई तरीके की परेशानियां शुरू हो जाती हैं. इसके लिए लोगों को पटाखों से दूर रहने की सलाह दी जाती है. पटाखों से निकलने वाला धुंआ हमारे स्वास्थ्य को बहुत अधिक खराब कर सकता है.'

'पटाखे आंखों को पहुंचाते हैं नुकसान'
इस बारे में मंडलीय अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पीके पांडेय बताते हैं कि, 'दीपावली पर बच्चे हों या फिर बुजुर्ग सभी को सावधानी बरतनी चाहिए. यह उत्सव का मौका होता है, जब सभी लोग इस दिन पटाखे छोड़ते हैं. सभी से अपील है कि पटाखों को सावधानी पूर्वक छोड़ें. पटाखे जब भी छोड़ें तो उनको निश्चित दूरी पर अपनी आंखों से दूर रखकर छोडें. कोशिश करें, जो पटाखों का डस्ट है, उसके जो पार्टिकल्स हैं, वो आपकी आंखों तक न पहुंचें. पटाखों से दूरी बनाए रखें. कभी-कभी आपकी आंखों में पटाखों के कुछ पार्टिकल्स चले जाते हैं, जिससे आपको जलन हो या फिर लालीपन आ जाता है, तो ऐसे में उसे रगड़ने या दबाने का काम न करें. आंखों को ठंडे पानी से धुलकर साफ करें. इसके बाद तुरंत आंखों के डॉक्टर के पास जाकर इलाज कराएं.

पटाखों से शरीर को पहुंचता है नुकसान
1-पटाखों से सांस फूलने, घबराहट, खांसी, हृदय और फेफड़े संबंधी दिक्कतें आ सकती हैं.

2- आंखों में जलन होने के खतरे होते हैं. इससे आखों को बहुत नुकसान पहुंचता है.

3- गर्भवती महिलाओं को पटाखों से निकलने वाला सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड नुकसान पहुंचाता है.

4-दिल का दौरा, ब्लड प्रेशर, एलर्जी, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे बढ़ जाता है.

5- पटाखों से सांस की नली जकड़ जाती है, जिस कारण सांस के मरीज और दमा के मरीजों की सांस फूलने लगती है.

6- शरीर में कैंसर, जल स्त्रोत के दूषित होने की आशंका रहती है.

7-लोग अस्थायी रूप से बहरे हो सकते हैं. कई बार व्यक्ति स्थायी रूप से भी बहरा हो जाता है.

पटाखे जलाने से पर्यावरण नुकसान
1- पटाखों से निकलने वाला धुंआ हवा में घुलकर प्रदूषण फैलाता है.

2-पटाखों से निकलने वाली आवाज से जानवरों को समस्या होती है.

3- पटाखों के धुंए से निकलने वाला केमिकल पक्षियों को नुकसान पहुंचाता है.

4- पटाखों से हवा जहरीली हो जाती है और उनको भी सांस लेने में दिक्कत होती है.

5- पटाखों के जलने के बाद उनसे बचा हुआ मलबा प्रदूषण फैलाता है.

6- पटाखों से निकलने वाले केमिकल से पानी प्रदूषित हो जाता है.

पटाखा जलाते समय झुलस जाएं तो करें ये उपाय
1- त्वचा जलने पर ठंडा पानी डालें. इससे फफोले नहीं पड़ेंगे. ठंडे पानी में कपड़ा भिगोकर लपेट दें.

2-15 मिनट के लिए जले हुए भाग को दूध में डुबोकर रखें. इससे दर्द, जलन और सूजन को कम करने में मदद मिलती है.

3- आलू पीसकर लेप लगाएं या फिर आलू के छिलके को जले हुए स्थान पर लगाएं. इससे राहत मिलती है.

4- शहद का प्रयोग करने से लाभ मिलता है. शहद एक अच्छा एंटीबायोटिक होता है.

5- एलोवेरा का जेल लगाने से जलन से तुरंत राहत मिलती है.

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Last Updated :Nov 12, 2023, 10:58 AM IST

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