यूपी चुनावी समर 2022: उन्नाव की सदर विधानसभा, यहां लोधी, कहार और कश्यप लिखते हैं जीत की इबारत
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Published : Sep 12, 2021, 1:36 PM IST
2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. सभी पार्टियां क्षेत्र में टिकट वितरण को लेकर डाटा संग्रहित करने में जुट गई हैं. वहीं जो भावी उम्मीदवार हैं, वह भी क्षेत्र में अपनी चहल कदमी को बढ़ाकर लोगों से मिलना जुलना शुरू कर चुके हैं. आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो उन्नाव की सदर विधानसभा सीट पर चुनाव बहुत ही दिलचस्प होता है. आइए आज जानते हैं उन्नाव जिले की सदर विधान सभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट को.
उन्नाव:विधानसभा चुनाव 2022 का चुनावी बिगुल बज चुका है. राजनीतिक पार्टियां कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहतीं. बीजेपी जहां दम खम के साथ सत्ता पर काबिज रहने के प्रयास में होगी वहीं सपा भी अपनी खोई सल्तनत फिर से पाने के लिए जी जान से जुटी है. दूसरी तरफ इस बार न बसपा को नकारा जा सकता है और न ही कांग्रेस को, क्योंकि उत्तर प्रदेश की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने वाले ब्राह्मणों को साधने में दोनों पार्टियां जी जान से लगी हुई हैं.
उन्नाव की सदर विधानसभा सीट पर पिछले चुनावों की बात करें तो 1991 में शिवपाल सिंह बीजेपी से, 1993 में मनोहर लाल समाजवादी पार्टी से, 1996 में दीपक कुमार समाजवादी पार्टी से, 2002 में कुलदीप सिंह सेंगर बहुजन समाजवादी पार्टी से, 2007 में दीपक कुमार समाजवादी पार्टी से 2012 में एक बार फिर दीपक कुमार ने समाजवादी पार्टी से जीत दर्ज की थी.
यूपी चुनावी समर 2022: उन्नाव की सदर विधानसभा
कुछ समय बाद 2014 में दीपक कुमार की बीमारी से मौत हो गई, जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ. इस उपचुनाव में पंकज गुप्ता ने मनीषा दीपक को शिकस्त देते हुए भारतीय जनता पार्टी से जीत दर्ज की थी. पिछले तीन चुनावों की बात की जाए तो इस सीट पर जो मुकाबला रहा है वह बहुत ही दिलचस्प रहा है. आइए डालते हैं एक नजर.
2007 का चुनाव
उन्नाव की सदर विधानसभा सीट पर 2007 में हुए चुनाव में दीपक कुमार जो समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ रहे थे उन को 42210 वोट मिले थे, जबकि शिवपाल सिंह कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़े थे उनको 31098 वोट मिले थे. अखिलेश नारायण बहुजन समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े थे जिनको 28759 वोट मिले थे. वहीं श्री कृष्ण वर्मा जो भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार थे उनको 11,832 वोट मिले थे. वहीं 2007 की 15वीं विधानसभा के चुनाव में दीपक कुमार ने समाजवादी पार्टी से अपनी जीत का परचम लहराया था.
मनीषा दीपक
2012 का चुनाव
सोलहवीं विधानसभा चुनाव 2012 के चुनाव में सपा से दीपक कुमार ने बीजेपी से पंकज गुप्ता को हराया था. बीएसपी की नम्रता पाठक को तीसरा स्थान मिला तो कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर लड़े शिवपाल सिंह चौथे स्थान पर रहे. इस चुनाव में दीपक कुमार को 61695 वोट पंकज गुप्ता को 51550 वोट नम्रता पाठक को 48397 वोट और शिवपाल सिंह को 10707 वोट मिले थे.
2014 का उपचुनाव
2014 का चुनाव थोड़ा उलटफेर वाला रहा. इस चुनाव में समाजवादी पार्टी लड़े दीपक कुमार ने जीत तो हासिल की, मगर बीमारी से मौत होने के बाद हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सपा को हरा दिया. बीजेपी के पंकज गुप्ता ने समाजवादी पार्टी से लड़ी मनीषा दीपक को हरा दिया. पंकज गुप्ता ने 109822 वोट पाकर 55193 वोटों से विजई हुए थे जबकि मनीषा दीपक को 54629 वोट मिले थे. वही बीएसपी के अशोक कुमार सिंह को 26578 वोट मिले थे जबकि कमल कुमार तिवारी को 17789 वोट मिले थे. इस उपचुनाव में पंकज गुप्ता ने पिछले कई सालों में हुए चुनाव में जो जीत का अंतर था उसका रिकॉर्ड तोड़ते हुए 55193 वोटों से जीत हासिल की थी.
पंकज गुप्ता
2017 का चुनाव
2017 आते आते बीजेपी ने इस सीट पर अपनी पकड़ और जड़े दोनों मजबूत कर चुकी थी. पीएम नरेंद्र मोदी का आगमन और बीजेपी का परचम देश के साथ ही राज्यों में फहरने लगा था. 2017 के चुनाव में पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए भारतीय जनता पार्टी ने जीत का शंखनाद किया था. इस चुनाव में बीजेपी के पंकज गुप्ता को 119669 वोट मिले थे, वहीं इनकी निकट प्रतिद्वंदी मनीषा दीपक जो समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ी थीे उन को 73597 वोट मिले थे. वहीं बहुजन समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े पंकज त्रिपाठी को 26739 वोट मिले थे. इस चुनाव में नोटा को 763 वोट मिले थे और कांग्रेस पार्टी की जमानत जप्त हो गई थी.
सपा के गढ़ पर बीजेपी का कब्जा
उन्नाव की सदर विधानसभा सीट वैसे तो समाजवादी पार्टी की सीट मानी जाती थी मगर पिछले दो चुनावों में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी पंकज गुप्ता ने जीत दर्ज की है. इसी पर समाजवादी पार्टी ने चार बार जीत का परचम फहरा चुकी है. जबकि भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर अब तक कुल तीन बार जिनमें एक उपचुनाव में भी जीत हासिल की थी. इस सीट पर एक बार बहुजन समाजवादी पार्टी से कुलदीप सिंह सेंगर ने भी जीत दर्ज की थी.
फिर होगी जबरदस्त टक्कर
वहीं, इस बार उत्तर प्रदेश के 2022 के विधानसभा चुनाव में जहां दीपक कुमार के बेटे अभिनव समाजवादी पार्टी से अपनी उम्मीदवारी को लेकर जोड़ तोड़ में लगे हैं तो वहीं भारतीय जनता पार्टी से वर्तमान विधायक पंकज गुप्ता भी दिन रात मेहनत करने में जुटे हुए हैं, हालांकि अभी तक किसी भी पार्टी ने कोई भी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. दूसरी तरफ इस बार न बसपा को नकारा जा सकता है और न ही कांग्रेस को, क्योंकि उत्तर प्रदेश की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने वाले ब्राह्मणों को साधने में दोनों पार्टियां लगी हुई हैं.
लोधी वोट का गढ़
राजनीतिज्ञों की माने तो इस सीट पर समाजवादी पार्टी से दीपक कुमार की सर्वाधिक जीत होने के पीछे एक कारण यह भी है क्योंकि सदर विधानसभा में लोधी वोट सबसे ज्यादा है. वहीं दीपक कुमार भी लोधी बिरादरी से आते थे.
मतदाता
2017 में हुए चुनाव में इस सीट पर 14 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. वहीं इस सीट में मतदाताओं की संख्या की बात की जाए तो इस सीट पर मतदाताओं के आंकड़े पर बात करें तो-
कुल मतदाता
पुरुष मतदाता
महिला मतदाता
अन्य मतदाता
392717
215225
177471
21
2017 में इस विधानसभा में 231521 मतदाताओं ने मतदान किया था जिनमें भारतीय जनता पार्टी से पंकज गुप्ता ने 46072 वोटों से समाजवादी पार्टी प्रत्याशी मनीषा दीपक को हराया था.
जातिगत आंकड़े
उन्नाव के सदर विधानसभा सीट में जातिगत आंकड़ों की बात की जाए तो -
लोधी निषाद कश्यप
ब्राह्मण
क्षत्रिय
अनुसूचित जाति
पिछड़ा वर्ग
अन्य
120000
40000
30000
80000
122406
21
इस सीट में लोधी, कहार, कश्यप जाति के वोट इस सीट की जीत की इबारत लिखते हैं. यह मतदाता जिसको भरपूर समर्थन करते हैं, उसी की जीत इस सीट पर सुनिश्चित होती है. फिलहाल