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कृषि कानूनों के खिलाफ उतरी छात्राएं, नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग

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Published : Mar 9, 2021, 10:57 AM IST

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर प्रयागराज में महिलाओं और छात्राओं ने किसान आंदोलन के समर्थन में रैली निकाली. प्रदर्शनकारी छात्राओं ने आरोप लगाया कि पूंजीपतियों के फायदे के लिए सरकार नए कृषि कानूनों को लेकर आई.

प्रयागराज में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन.
प्रयागराज में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन.

प्रयागराज: नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. महिलाएं भी किसान आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाए और छात्राएं भी सड़कों पर आंदोलन के समर्थन में उतर आईं. हाथों में पौधे लेकर रैली निकाल रही छात्राओं ने सरकार और कॉरपोरेट के खिलाफ नारे लगाए. उन्होंने कहा ये रैली किसान आंदोलन के समर्थन में है. देश में ठेका खेती को बढ़ावा नहीं देने दिया जाएगा.

प्रयागराज में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन.

अडाणी और अंबानी समूह करेंगे अनाज की जमाखोरी
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं और छात्राओं ने केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानून को काले कानून बताया. उनका कहना इन काले कानूनों से मंडिया बंद हो जाएंगी. महिलाओं और छात्राओं ने आरोप लगाया कि इन कानूनों को पूंजीपतियों पक्ष में लाया गया है. पूंजीपति अनाज की जमाखोरी कर बाद में उन्हें अधिक कीमत पर बेचेंगे और बड़ा मुनाफा कमाएंगे, लेकिन अनाज उगाने वाले अन्नदाता को नुकसान होगा. सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक कृषि उपज की खरीदारी निजी क्षेत्र करें, ताकि वह अपने भंडारण और वितरण की जवाबदेही से बच सके.

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मंडियों होंगी खत्म
लिहाजा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाए और छात्राओं आंदोलन के समर्थन में रैली करती नजर आईं. तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हुईं छात्राओं और महिलाओं ने कहा सरकार को तीनों कानून वापस लेने होंगे. छात्राओं ने कहा कि इन कानूनों के जरिए एपीएमसी मंडियों को एक सीमा में बांध दिया है. इसके जरिए बड़े कॉरपोरेट खरीदारों को खुली छूट दी जाएगी. इस कारण से किसान सरकार के बनाए तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं.

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