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खुशी की मौत का मामला: हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजी गई पत्र याचिका

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Published : Mar 23, 2021, 8:09 PM IST

Updated : Mar 23, 2021, 8:21 PM IST

चिकित्सकीय लापरवाही से हुई मासूम खुशी मिश्रा की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सीबीआई जांच की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को अधिवक्ताओं द्वारा पत्र याचिका भेजी गई है. याचिका में मुआवजा दिलाने की भी मांग की गई है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.

प्रयागराज: चिकित्सा लापरवाही का शिकार हुई मासूम बच्ची प्रयागराज की खुशी मिश्रा को न्याय दिलाने के लिए हाईकोर्ट के वकीलों ने पत्र ज‌नहित याचिका दाखिल की है. याचिका पत्र के माध्यम से मुख्य न्यायाधीश को भेजी गई है. हाईकोर्ट से इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर उचित निर्देश देने की मांग की गई है. याचिका अधिवक्ता गौरव द्विवेदी व अन्य की ओर से दाखिल की गई है.

याचिका में कहा गया है कि तीन साल की खुशी मिश्रा 15 फरवरी से तीन मार्च तक यूनाइटेड मेडिसिटी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती रही. इस दौरान उसके पेट की दो बार सर्जरी की गई. पैसों की अदायगी न होने के कारण बच्ची के पेट को ऑपरेशन के बाद बिना टांका लगाए खुला छोड़ दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई. पीड़त परिवार ने इसकी शिकायत सीएमओ और डीएम प्रयागराज से की. डीएम ने एडीएम सिटी और सीएमओ की कमेटी बनाकर मामले की जांच का आदेश दिया. एक प्राथमिकी भी कौशांबी के पिपरी थाने में दर्ज कराई गई है. परिवार वालों का कहना है कि प्राथमिकी में उनके द्वारा लिखे तथ्यों में छेड़छाड़ की गई है.

याचिका में कहा गया है कि यूनाइटेड मेडिसिटी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का सिविल क्षेत्राधिकार प्रयागराज में और आपराधिक क्षेत्राधिकार कौशांबी में होने के कारण जांच कार्य तेजी से नहीं हो पा रहा है. डीएम द्वारा गठित कमेटी ने अब तक कोई रिपोर्ट नहीं दी है. पीड़ित परिवार बेहद गरीब है और खुशी के पिता ने उसके इलाज के लिए जमीन बेच कर पैसे एकत्र किए थे. याचिका में मामले की जांच सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने और पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाए जाने की मांग की गई है.

Last Updated :Mar 23, 2021, 8:21 PM IST

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