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UP प्रेस मान्यता समिति के गठन का मामला: हाईकोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता से मांगी रिपोर्ट

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Published : Sep 16, 2022, 9:04 PM IST

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इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को उत्तर प्रदेश प्रेस मान्यता समिति के गठन की मांग में दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता से UP प्रेस मान्यता समिति के गठन के संबंध में जानकारी मांगी है.

प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को उत्तर प्रदेश प्रेस मान्यता समिति के गठन की मांग में दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकारी वकील से 2 सप्ताह में यह जानकारी प्राप्त करने को कहा है कि उक्त समिति गठित हुई है या नहीं. यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र एवं न्यायमूर्ति विकास की खंडपीठ ने आल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आचार्य श्रीकांत शास्त्री की याचिका पर दिया है.

याचिका में कहा गया कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से 6 जून 2020 को प्रेस मान्यता समिति गठित करने के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. इसके संदर्भ में प्रदेश के अन्य संगठनों के साथ याची संस्था की ओर से भी आवेदन किया गया था. साथ ही समिति के गठन में देरी के संदर्भ में मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के आला अधिकारियों को पत्र भेजा था. इसके बावजूद कोई कार्यवाही न होने पर यह याचिका दाखिल की गई थी. प्रारंभिक सुनवाई में कोर्ट ने प्रदेश शासन से मान्यता समिति के गठन पर जवाब मांगा.

शासन की ओर से तब बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में आचार संहिता लागू होने के कारण नई सरकार बनने के बाद ही प्रेस मान्यता समिति के गठन की कार्यवाही हो सकेगी. इस पर कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका निस्तारित कर दी, कि यदि सरकार बनने के बाद मान्यता समिति गठित नहीं होती है, तो याची फिर याचिका कर सकता है. नई सरकार बनने पर संस्था के अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी ने शासन को अनुस्मारक भेजा. लेकिन मान्यता समिति का गठन नहीं हो पाया. इस पर यह याचिका दायर की गई थी.

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