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हाईकोर्ट ने कहा - मनमाने तरीके से निरस्त नहीं कर सकते अंतर्जनपदीय स्थानांतरण

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 22, 2023, 10:53 PM IST

Updated : Nov 23, 2023, 6:14 AM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सहायक अध्यापकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण (Inter-district transfer of assistant teachers) को मनमाने तरीके से रद्द नहीं किया जा सकता है. इसके साथ ही एक अन्य मामले में अनुकंपा नियुक्ति (compassionate appointment) का लाभ योजना से पहले देने न देने का मुद्दा वृहद पीठ को संदर्भित कर दिया है. वहीं अफजाल अंसारी की बीवी के पेट्रोल पंप कुर्की के मामले में सुनवाई टल गई है.

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प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण को मनमाने तरीके से रद्द नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद शासन के अधीन एक निकाय होने के कारण शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए शासन द्वारा प्रतिपादित नीति से बाध्य है. उन्नाव में कार्यरत सहायक अध्यापिका लक्ष्मी शुक्ला की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन ने अधिवक्ता रजत ऐरन एवं ऋषि श्रीवास्तव को सुनकर दिया है.

याची के अधिवक्ता का कहना था कि अपने पति के असाध्य बीमारी से पीड़ित होने के कारण 02 जून 2023 के शासनादेश के तहत सीतापुर से उन्नाव अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था, जिसको स्वीकार करते हुए याची को उन्नाव में ज्वाइन भी करवा दिया गया था. बीएसए उन्नाव एवं सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा लगभग तीन सप्ताह कार्य लेने के पश्चात याची का स्थानांतरण इस आधार पर निरस्त कर दिया कि याची के पति के पीजीआई लखनऊ द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण पत्र पर सीएमओ सीतापुर की मोहर नहीं लगी है.

अधिवक्ता ने दलील दी कि केवल 29 जून 2023 के शासनादेश में निहित आधारों पर ही याची का स्थानांतरण निरस्त किया जा सकता है एवं याची पर फर्जी अथवा कूटरचित मेडिकल दस्तावेज जमा करने का कोई आरोप नहीं है. कोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी का आदेश निरस्त करते हुए याची को सेवा में वापस लेने और चार माह का बकाया वेतन भुगतान का आदेश दिया है.

अनुकंपा नियुक्ति का लाभ योजना से पहले देने न देने का मुद्दा वृहद पीठ को संदर्भित

प्रयागराज :इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मृतक आश्रित सेवा नियमावली के तहत अनुकंपा नियुक्ति का लाभ योजना लागू होने से पहले मृतक आश्रित को भी दिया जा सकता है या नहीं, यह मुद्दा वृहद पीठ को संदर्भित किया है. यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता एवं न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने इस संदर्भ में दाखिल विशेष अपीलों पर सुनवाई करते हुए दिया है.

कोर्ट के समक्ष प्रश्न था कि मृतक आश्रित योजना लागू होने की तिथि से पहले पांच साल की समयावधि के भीतर बैंक के मृत कर्मचारी के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया जा सकता है या नहीं. बैंकों में आश्रित सेवा नियमावली एक मार्च 2019 को लागू हुई. याची के पति की मृत्यु 2018 में हुई थी. नियमावली लागू होने के बाद पत्नी ने अनुकंपा नियुक्ति की अर्जी दी. बैंक ने अनुकंपा नियुक्ति करने से मना कर दिया. कहा कि उसके पति की मृत्यु योजना शुरू होने से पहले हो गई थी, इसलिए उसकी नियुक्ति नहीं की जा सकती. इसे याचिका में चुनौती दी गई. एकल पीठ ने बैंक को अनुकंपा नियुक्ति के लिए विचार करने का निर्देश दिया, जिसे विशेष अपील में चुनौती दी गई.

अफजाल अंसारी की बीवी के पेट्रोल पंप कुर्की के मामले में सुनवाई टली

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के भाई पूर्व बसपा सांसद अफजाल अंसारी की पत्नी फरहत अंसारी का पेट्रोल पंप कुर्क करने का मामले में सुनवाई के लिए 24 नवंबर की तारीख लगाई है. यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला एवं न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने फरहत अंसारी की याचिका पर जानकारी के लिए अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव द्वारा एक दिन की मोहलत मांगने पर दिया है. याचिका में फरहत अंसारी के पेट्रोल पंप को गैंगस्टर एक्ट में कुर्क करने को चुनौती दी गई है.

मामले के तथ्यों के अनुसार गाजीपुर के मोहम्मदाबाद कस्बे में फरहत अंसारी का किसान पेट्रोल पंप है. गैंगस्टर एक्ट में अफजाल अंसारी के जेल से रिहा होने के दो दिन बाद इस पेट्रोल पंप के कुर्की की कार्रवाई की गई. यह कार्रवाई डीएम गाजीपुर के आदेश से गैंगस्टर आदेश एक्ट में की गई.

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Last Updated : Nov 23, 2023, 6:14 AM IST

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