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सहायक प्रोफेसर की बर्खास्तगी पर कुलपति और कुलसचिव से कोर्ट ने मांगा जवाब

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Published : Oct 29, 2021, 10:20 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा की सहायक प्रोफेसर डॉक्टर संध्या तरार की बर्खास्तगी के खिलाफ दाखिल याचिका पर विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव से जवाब मांगा है.

कुलपति और कुलसचिव से कोर्ट ने मांगा जवाब
कुलपति और कुलसचिव से कोर्ट ने मांगा जवाब

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा की सहायक प्रोफेसर डॉक्टर संध्या तरार की बर्खास्तगी के खिलाफ दाखिल याचिका पर विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव से जवाब मांगा है. इसके साथ ही याची को आवंटित सरकारी आवास में बने रहने का निर्देश दिया है. याचिका की सुनवाई 9 दिसंबर को होगी.

ये आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने सहायक प्रोफेसर डॉक्टर संध्या तरार की याचिका पर दिया है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम ने बहस की. इनका कहना है कि याची को 9 जुलाई 2021 के आदेश से बर्खास्त कर दिया गया. विश्वविद्यालय के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की संस्तुति पर ये आदेश दिया गया है. याची के खिलाफ सेवा से निष्कासन की ये कार्रवाई कुलपति भगवती प्रसाद शर्मा और डीन संजय कुमार शर्मा के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत करने के कारण बदले की भावना से की गई है. नियमानुसार न तो जांच की गई और न ही कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया. मनमाने तरीके से दोषी करार देते हुए बर्खास्त कर दिया गया है.

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कहा गया है कि याची द्वारा लगाये गए यौन शोषण के आरोपों की जांच करने वाली इंटरनल कम्प्लेंट कमेटी की रिपोर्ट और संस्तुति के आधार पर बर्खास्त किया गया है. जबकि कमेटी का ही गठन नियम के खिलाफ था. कहा गया है कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही याची को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. लेकिन पूरी जांच प्रक्रिया ही संदिग्ध है. ऐसे में कार्रवाई विधि खिलाफ है.

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