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नाबालिग से शारीरिक संबंध बनाने की सहमति महत्वहीन : हाईकोर्ट

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Published : Oct 12, 2022, 10:54 PM IST

Updated : Oct 13, 2022, 7:23 AM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी की जमानत अर्जी ये कहते हुए खारिज कर दी कि नाबालिग की सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध में नाबालिग की सहमति महत्वहीन (Minor Consent in physical relation is unimportant) है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि नाबालिग की सहमति से बनाया गए शारीरिक संबंध में नाबालिग की सहमति का कोई महत्व नहीं है. कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को इस आधार पर राहत तेरे से इनकार कर दिया. आरोपी का कहना था कि उसने नाबालिग की सहमति से शादी और उससे शारीरिक संबंध बनाए हैं. कोर्ट ने दुष्कर्म मानते हुए याची की जमानत अर्जी खारिज कर दी.

अलीगढ़ के प्रवीण कश्यप की जमानत की अर्जी को न्यायमूर्ति सुधारानी ठाकुर ने खारिज कर दिया. याची के खिलाफ अलीगढ़ के लोढ़ा थाने में अपहरण, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था. इस मामले में उसने जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी. आरोपी के अधिवक्ता का तर्क था कि लड़की ने पुलिस और कोर्ट के सामने दिए अपने बयान में कहा है कि वह अपनी मर्जी से आरोपी के साथ घर से गई और उसके साथ शादी की. लड़की की सहमति से दोनों ने शारीरिक संबंध बनाए हैं और दोनों पति-पत्नी की तरह साथ रह रहे हैं.

जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सरकारी वकील का कहना था कि स्कूल द्वारा दिए गए प्रमाण पत्र से घटना के दिन लड़की की उम्र 17 वर्ष थी और वह नाबालिग है. नाबालिग द्वारा दी गई सहमति का कोई महत्व नहीं है. कोर्ट ने कहा कि भले ही लड़की ने अपनी मर्जी से घर छोड़ा और शादी की. लड़की की सहमति से दोनों में शारीरिक संबंध बने हो. इसके बावजूद नाबालिग द्वारा दी गई सहमति का कानून की नजर में कोई महत्व नहीं है. कोर्ट ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी.

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Last Updated : Oct 13, 2022, 7:23 AM IST

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