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High Court  का फैसला, एससी एसटी एक्ट के अपराध में दाखिल हो सकती है अग्रिम जमानत

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Published : Feb 11, 2023, 11:04 PM IST

हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज केस में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की जा सकती है. प्रथम दृष्टया एससी एसटी का अपराध न बनने पर ही अग्रिम जमानत पर विचार हो सकता है.

Court news
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प्रयागराज:हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि एससी एसटी एक्ट के तहत अग्रिम जमानत पर विचार किया जा सकता है. बशर्ते प्रथम दृष्टया इस धारा के तहत अपराध होना साबित ना होता हो. कोर्ट ने कहा कि एससी एसटी एक्ट के प्रावधानों के तहत सिर्फ स्पेशल कोर्ट को ही जमानत पर विचार करने का अधिकार है.

कैलाश, गायत्री देवी और सुनील दत्त शर्मा की अग्रिम जमानत अर्जियों पर एक साथ सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने दिया है. याची के वकील ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्णय पृथ्वीराज चौहान बनाम यूनियन आफ इंडिया केस में दिए फैसले का हवाला देते हुए कहा कि एससी एसटी एक्ट के अपराध में अग्रिम जमानत पोषणीय है. यदि इस धारा के तहत की गई शिकायत में प्रथम दृष्टया एससी एसटी का अपराध नहीं बनता है, तो अग्रिम जमानत अर्जी पर विचार किया जा सकता है.

कोर्ट ने कहा कि एससी एसटी एक्ट में पीड़ित और गवाहों का अधिकार सीआरपीसी के प्रावधानों की अपेक्षा अधिक ऊंचे पायदान पर है. इस एक्ट की धारा 14 के 2 (डी )और 2( बी डी) से स्पष्ट है कि एससी एसटी एक्ट के तहत किया गया अपराध विशेष रूप से स्पेशल कोर्ट द्वारा ही विचारणीय है. कोर्ट ने कहा कि धारा 14 एससी एसटी एक्ट में जमानत का आशय अग्रिम जमानत से भी है. स्पेशल कोर्ट को अग्रिम जमानत पर विचार करते समय अनिवार्य रूप से यह देखना होगा कि प्रथम दृष्टया एससी एसटी एक्ट के तहत अपराध बन रहा है अथवा नहीं.

उसके पश्चात ही अग्रिम जमानत अर्जी पर विचार किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा की धारा 14 के अपील क्षेत्राधिकार के तहत सीआरपीसी की धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत अर्जी नहीं दाखिल की जा सकती है. हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की मांग धारा 14 ए के तहत अपील दाखिल करके की जा सकती है. इसके साथ कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 438 के तहत दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने याची गण को छूट दी है कि वह चाहे तो एससी एसटी एक्ट की धारा 14 ए के तहत हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर सकते हैं. उनकी अग्रिम जमानत अर्जी स्पेशल कोर्ट एससी एसटी से पहले ही खारिज हो चुकी है.

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