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बिना कोई कारण बताए अनुकंपा नियुक्ति के आवेदनों को रद्द करने का आदेश खारिज : हाईकोर्ट

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Published : Jun 5, 2023, 10:52 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के आवेदनों पर विचार करने का इलाहाबाद विश्वविद्यालय को एक और मौका दिया है. कोर्ट ने कहा है कि विश्वविद्यालय के सक्षम प्राधिकारी याची गण के दावे पर पुनर्विचार करे.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सक्षम प्राधिकारी को निर्देश दिया है कि वह अनुकंपा नियुक्ति के आवेदनों पर नए सिरे से विचार कर सकारण आदेश पारित करें. कोर्ट ने कहा है कि विश्वविद्यालय के सक्षम प्राधिकारी याची गण के दावे पर पुनर्विचार करे. इस बार निर्णय लेते समय संबंधित कानून के आलोक में हर पहलू पर विचार करने के बाद तथा अनुकंपा नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों को ध्यान में रखते हुए आदेश पारित किया जाए. कोर्ट ने याची गण को अपना लिखित प्रत्यावेदन संबंधित प्राधिकारी को देने का निर्देश दिया है. दिव्यांश पांडे, नेहा मिश्रा सहित कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने दिया.

याची का पक्ष रख रहे अधिवक्ता विभु राय का कहना था कि याची गण ने मृतक आश्रित कोटे के तहत नियुक्ति के लिए आवेदन किया था. इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने उनकी नियुक्ति की अर्जी बिना कोई कारण बताए खारिज कर दी. विश्वविद्यालय के अधिवक्ता भी आदेश से सहमत नहीं थे. उनका कहना था कि आदेश से यह स्पष्ट नहीं है की प्राधिकारी ने किस कारण से नियुक्ति का दावा खारिज किया है. उन्होंने एक और अवसर दिए जाने की मांग की, ताकि नियुक्त के आवेदनों पर पुनर्विचार किया जा सके.

कोर्ट ने अपने आदेश में इस महत्वपूर्ण तथ्य पर भी ध्यान देने का निर्देश दिया है कि नियुक्ति के समय कौन सा नियम लागू होगा. क्या वह कर्मचारी की मृत्यु के बाद से प्रभावी होगा या अनुकंपा नियुक्ति के दावे पर विचार करते समय से लागू होगा. कोर्ट ने सभी प्रत्यावेदन पर 3 माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है तथा यदि याची गण नियुक्ति के योग्य पाए जाते हैं तो उनको नियुक्ति देने के लिए कहा है.

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