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डॉक्टर न होने से तड़प-तड़प कर मरीज की मौत, छुट्टी पर चल रहे डॉक्टर की लगी थी इमरजेंसी ड्यूटी

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Published : Nov 26, 2021, 7:35 PM IST

मऊ की खबरें

मऊ जिला चिकित्सालय की खुली पोल. अस्पताल में डॉक्टर न होने से तड़प-तड़प कर मरीज की मौत. छुट्टी पर चल रहे डॉक्टर की लगाई गई थी इमरजेंसी ड्यूटी.

मऊ : मऊ जनपद के जिला चिकित्सालय के इमरजेंसी में बीती रात पर्याप्त चिकित्सा नहीं मिलने के बाद एक मरीज की मौत हो गई. मरीज एक घंटे तक अस्पताल में तड़पता रहा. अस्पताल में डॉक्टर नहीं थे, लेकिन इमरजेंसी बोर्ड पर डॉक्टर का पूरा नाम अंकित था. मरीज की मौत के बाद अस्पताल में हंगामा खड़ा हो गया. बवाल की सूचना के बाद मौके पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव राय पहुंचे. मामले को लेकर जब राजीव राय ने मौके पर मौजूद फार्मासिस्ट से बात की तो वो उनसे बदतमीजी पूर्वक व्यवहार किया. इसके बाद राजीव राय ने जब मौके पर सीएमओ व अधिकारियों को बुलाया तो पता चला कि अस्पताल के मैनेजर रामप्रवेश यादव 15 तारीख से छुट्टी पर चल रहे डॉक्टर की इमरजेंसी में ड्यूटी लगाकर खानापूर्ति कर रहे थे. अस्पताल में कार्य कर रहे डॉक्टरों की ड्यूटी किन्हीं कारणों से न लगाकर उन्हें सहूलियत प्रदान की जा रही है.

सपा के राष्ट्रीय महासचिव राजीव राय ने बताया कि जनपद के अस्पतालों की व्यवस्था ही बहुत दयनीय है. यहां पर कोई भी डॉक्टर चिकित्सा के नाम पर मौजूद नहीं है. केवल नीचे के लेवल के कर्मचारियों द्वारा ड्यूटी के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. चिकित्सा के अभाव में मरीजों की मौत हो जा रही है. साथ ही मौके पर मौजूद कर्मचारियों को किसी से भी बातचीत का व्यवहार भी गैर जिम्मेदाराना है. ऐसे में मौके पर अधिकारियों को बुलाकर जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई के लिए मांग की गई है.

मऊ जिला चिकित्सालय की खुली पोल.

इस मामले में जब इमरजेंसी गेट पर लगे बोर्ड पर लिखे गए नाम के डॉक्टर राजाराम चौहान से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि वो गत 15 नवंबर से मेडिकल छुट्टी पर हैं. उन्होंने इसके लिए एप्लीकेशन भी दे रखा है. इसकी जानकारी सीएमएस को भी है. लेकिन न जाने किस दुर्भावना से ग्रसित होकर, उनके नाम को वहां लिखकर उनके खिलाफ किसी प्रकार की साजिश की जा रही है.

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मामले में सीएमओ डॉक्टर श्याम नारायण दुबे ने इस मामले की पूरी लिखित जांच और कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने कहा- जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. लेकिन ऐसे में देखना होगा कि शासन की मंशा के विपरीत मनमाने तरीके से कार्य कर रहे कर्मचारियों पर किस तरह से नकेल लगाई जा सकेगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

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