महराजगंज: किसानों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनके नाम पर सरकार को लाखों का चूना लगाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. उनके पास से करीब सात लाख रुपये नकदी और अन्य कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं. इस मामले में महराजगंज पुलिस ने चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. मुख्य अभियुक्त अभी फरार है.
सदर कोतवाली क्षेत्र के शिकारपुर में पुलिस ने एक मकान में छापेमारी कर धान खरीद में बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है. पकड़ा गया गिरोह किसानों के नाम पर फर्जी बैंक खाता खोल आढ़तियों का हजारों क्विंटल धान सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचने का कार्य कर रहा था. इस छापेमारी में पुलिस ने भारी संख्या में पासबुक, चेकबुक, सिम कार्ड, 87 मुहरों के अलावा क्रय पंजिका की छाया प्रति, धान खरीद की रसीदें बरामद की हैं. खास बात यह है कि पासबुक पर जिन किसानों का नाम-पता है, उन्हें मालूम ही नहीं कि उनका फर्जी एकाउंट खोल उसके जरिए लेन-देन किया जा रहा है. गिरोह के सदस्य क्रय केंद्रों की मिलीभगत से किसानों से औने-पौने दाम पर बिचौलियों द्वारा खरीदे गए धान को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच मुनाफा कमा रहे थे.
एसपी ने की छापेमारी
एसपी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि कोतवाली के इंस्पेक्टर परमाशंकर यादव, स्वाट टीम प्रभारी शशांक शेखर राय और साइबर सेल प्रभारी मनोज कुमार पन्त ने मुखबिर के जरिए मिली सूचना पर शिकारपुर तिराहे पर मां दुर्गा ट्रेडर्स एवं बिल्डिंग मैटेरियल नाम की दुकान पर छापेमारी की. यहां लोगों को पैसों का लालच देकर उनको किसान दिखाकर बैंकों में अकाउंट खुलवाकर और कूटरचित दस्तावेजों व डिजिटल सिग्नेचर, पेन्ड्राइव व आधार कार्ड की सहायता से भारी मात्रा में धन उगाही करने वाले गिरोह के सक्रिय सदस्य भालेन्दु चतुर्वेदी को छह लाख 92 हजार पांच सौ रुपये नकद अवैध धन के साथ हिरासत में लिया. तलाशी में कमरे से अपराध में प्रयुक्त 243 जियो कम्पनी के सिम कार्ड के साथ सैकड़ों पासबुक, चेकबुक, धान क्रय पंजिका की छाया प्रति और धान खरीद की रसीदें बरामद हुईं.