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महराजगंज: परिषदीय विद्यालय में व्याप्त बदहाली पर सुनिए सफाई...

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Published : Oct 10, 2021, 9:55 AM IST

महराजगंज में बदहाल परिषद विद्यालय

उत्तर प्रदेश के महराजगंज में परिषद विद्यालयों की स्थिति दिनों दिन बद से बदतर होती चली जा रही है और यही कारण है कि अब अभिभावकों का विद्यालय से मोह भंग होने लगा है. इतना ही नहीं अभिभावक अपने बच्चों की शिक्षा के लिए निजी विद्यालयों की ओर रुख कर रहे हैं.

महराजगंज:उत्तर प्रदेश के महराजगंज में परिषद विद्यालयों की स्थिति दिनों दिन बद से बदतर होती चली जा रही है और यही कारण है कि अब अभिभावकों का विद्यालय से मोह भंग होने लगा है. इतना ही नहीं अभिभावक अपने बच्चों की शिक्षा के लिए निजी विद्यालयों की ओर रुख कर रहे हैं. वहीं, प्राथमिक शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के लिए सरकार चाहे जितना प्रयास कर ले, लेकिन प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति लगातार खराब हुई है. इससे अभिभावकों का भी मोह भंग हुआ है और वे निजी विद्यालयों में अपने बच्चों के दाखिले को मजबूर हैं.

परिषदीय विद्यालयों की शिक्षण व्यवस्था व पठन-पाठन दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है. हालांकि, पूर्व में इन्ही परिषदीय विद्यालयों के बच्चे बड़े परीक्षाओं में शामिल होकर सफलता प्राप्त करते थे. लेकिन आज शासन के लाख प्रयास के बाद भी विद्यालय बदहाली के शिकार बने हुए हैं. निशुल्क ड्रेस, मध्याह्न भोजन और बिजली आदि की व्यवस्था के बाद भी बच्चों की संख्या यहां लगातार कम हुई है. व्याप्त अव्यवस्था का असर यहां की शिक्षा व्यवस्था पर भी साफ देखने को मिलता है.

महराजगंज में बदहाल परिषद विद्यालय

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ऐसे में अपने बच्चों का कान्वेंट और अंग्रेजी माध्यमों के स्कूलों में दाखिला अब अभिभावकों की मजबूरी बन गई है. खैर, अच्छी शिक्षा और व्यवस्था देने का दावा वास्तविकता से परे है. हमारे संवाददाता ने परिषदीय विद्यालयों की जमीनी हकीकत जानने को जिले के पनियरा ब्लॉक के ग्राम सभा लक्ष्मीपुर के प्राथमिक विद्यालय का जायजा लिया तो अच्छी व्यवस्था के साथ शिक्षा देने के दावों की पोल भी खुल गई.

महराजगंज में परिषदीय विद्यालय में व्याप्त बदहाली पर अधिकारी की सफाई

इस विद्यालय में कुल 92 छात्रों का नामांकन हुआ है. लेकिन विद्यालय में पढ़ने के लिए आए महज 50 बच्चे मौजूद मिले, जो फटी चटाई पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. इन्हीं बच्चों को पढ़ाने के लिए चार अध्यापकों की तैनाती की गई है, जिसमें से एक अध्यापक नदारद रहे. सितंबर माह में किसी तरह व्यवस्था कर मध्यान भोजन बनाया गया. लेकिन एक अक्टूबर से खाद्यान्न के अभाव में मध्याह्न भोजन नहीं बन रहा है.

इतना ही नहीं कोरोनाकाल के समय बंद विद्यालय के दौरान बच्चों के नाम पर आवंटित मध्याह्न भोजन का खाद्यान्न 138 दिन का कोटेदार ने घोटाला कर लिया. जिसके कारण छात्रों को आज तक खाद्यान्न का वितरण नहीं हो सका. प्रत्येक छात्र को 4 किलो 600 ग्राम गेहूं और 9 किलो 200 ग्राम चावल दिया जाना था. लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता से आज तक कोटेदार की ओर से छात्रों को खाद्यान्न का वितरण नहीं किया गया, जो अपने आप में जांच का विषय है.

महराजगंज में परिषदीय विद्यालय में व्याप्त बदहाली पर अधिकारी की सफाई

बेसिक शिक्षा अधिकारी ओमप्रकाश यादव ने बताया कि शीघ्र मध्याह्न भोजन बनवाया जाएगा. इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. शिक्षकों को बेहतर शिक्षा देने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं. साथ ही छात्रों को मिलने वाला खाद्यान्न घोटाले की भी जांच कराई जाएगी और दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी.

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