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शादी के 3 महीने बाद प्रेग्नेंट होते ही मायके चली गई थी पत्नी, 20 साल बाद ससुराल वापस लौटी

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Published : Jul 14, 2022, 10:20 AM IST

Updated : Jul 14, 2022, 2:00 PM IST

कुशीनगर के छितौनी में मनमुटाव के कारण बीस साल से अलग अलग रहे दम्पति को एक छोटी सी पहल ने एक कर दिया. मनमुटाव को खत्म भी होने में 20 साल से ज्यादा का समय लग गया. पति के भाई की बहू ने पहल कर अब 60 वर्षीय ससुर के परिवार को एक किया. आइए जानते है कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो 20 सालों से पति-पत्नी अलग रहे थे...

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20 साल बाद मिले रामजस और मंशा की कहानी

महराजगंज/कुशीनगर: मेला में बिछड़े परिजनों का वर्षों बाद मिलने के कई कहानियां अक्सर सुनने को मिलती हैं, लेकिन पूर्वांचल के कुशीनगर के दम्पति के बीच रिश्तों में कड़वाहट इस कदर आई, जिसे दूर होने में जवानी गुजर गई और बुढ़ापा आ गया. महराजगंज की रहने वाली दम्पत्ति की रिश्तेदारी की एक महिला ने दोनों की कहानी जान उनको मिलाने की ठान ली. पहले अलग-अलग दोनों से मिली, उनसे बात की. फिर दोनों की मोबाइल पर बात कराई. बीस साल बाद महिला अपने मायके से बेटे के साथ ससुराल पहुंची, जिसे देखकर पति की आंख से आंसू छलक आया. पति ने पत्नी को माला पहनाकर अपनी जिंदगी में फिर से स्वागत किया.

रामजस के छोटे भाई की बहू
मामला कुशीनगर जनपद के छितौनी कस्बे का है. यहां के निवासी रामजस मद्धेशिया की पहली पत्नी का देहांत हो गया था. परिवार में दो छोटे बच्चे थे. बच्चों की परवरिश और घर-गृहस्थी चलाने के लिए रिश्तेदारों ने रामजस को दूसरी शादी करने का सलाह दी. उस समय रामजस की उम्र करीब चालीस साल थी. लोगों के समझाने के बाद वह शादी के लिए तैयार हो गया. नेपाल के कुसुम्हा में मंशा नाम की एक महिला की रामजस से शादी तय हुई. मंशा की भी शादी हो चुकी थी. रिश्तों में दरार आने के बाद वह पहले पति से अलग रहने लगी थी.

वर्ष 2002 में रामजस और मंशा की शादी हुई. दुल्हन बन कर मंशा ससुराल आई. तीन माह तक वह पति के साथ ससुराल में रही. गर्भवती होने पर मायके जाने की बात कही. इस पर रामजस ने उसे मायके भेज दिया. इसी दौरान किसी बात को लेकर दोनों के बीच मनभेद हो गया. रामजस कई बार ससुराल गया. लेकिन, मंशा उनके साथ नहीं आई. दोनों बच्चों का परवरिश कर उनकी शादी की. मंशा भी बेटे को जन्म दी. उसे पढ़ा-लिखाकर ग्रेजुएट बनाई.

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बहू ने सास-ससुर का कराया मिल

पति-पत्नी के बीच दो दशक की जुदाई के अंत का सिलसिला बीते खिचड़ी मेला से शुरू हुआ. रामजस के छोटे भाई की बहू नेपाल के गोपलापुर के खिचड़ी मेला में गई थी. वह महराजगंज की रहने वाली थी. वहां, बहू की मुलाकात बड़े ससुर की दूसरी पत्नी मंशा से हुई. जहां, मंशा रामजस के बारे में हाल-चाल पूछने लगी. ससुर के प्रति सास का भावनात्मक लगाव देखकर बहू के मन में उम्मीद की किरण जगी. इसके बाद बहू ने बड़े ससुर-सास को फिर से मिलाने का संकल्प ली. मंगलवार को दो दशक के बाद मंशा अपने बेटे के साथ ससुराल पहुंची. जहां, रामजस अपने बेटे-बहू के साथ उसका स्वागत किया. साठ साल के उम्र में दोनों एक बार फिर से मिले.

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Last Updated : Jul 14, 2022, 2:00 PM IST

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