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सीएम योगी बोले, बुंदेलखंड के हर घर में नल से आएगा पानी, बस थोड़ा इंतजार करिए

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Published : Jun 26, 2023, 1:47 PM IST

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में हर दिन 50 हजार नल कनेक्शन देने के निर्देश दिए. जानिए नमामि गंगे योजना और बुंदेलखंड में पानी की समस्या पर क्या कहा.

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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में जल जीवन मिशन और नमामि गंगे परियोजना की प्रगति की समीक्षा की. साथ ही हर घर तक नल से जल पहुंचाने के प्रयासों को तेज करने के निर्देश दिए. कहा कि 'हर घर नल-हर घर जल' के संकल्प के साथ प्रदेश के 2.65 करोड़ ग्रामीण परिवारों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का महाभियान चल रहा है. जल जीवन मिशन के प्रारंभ से पूर्व मात्र 5.16 लाख परिवारों को ही नल से शुद्ध पेयजल की उपलब्धता थी. लगातार प्रयास से आज 01 करोड़ 30 लाख से अधिक परिवारों के लिए शुद्ध पानी का सपना साकार हुआ है. 59.38 लाख कनेक्शन वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगाए गए हैं. शेष घरों को भी पाइप्ड पानी की सुविधा मिले, ऐसे में इस कार्य को समयबद्धता के साथ पूरा किया जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता में है. यह सुखद है कि जून 2023 के सर्वेक्षण में अचीवर श्रेणी के सभी तीन जिले (गौतमबुद्ध नगर, जालौन और शाहजहांपुर) उत्तर प्रदेश के हैं. परफॉर्मर श्रेणी में मैनपुरी और औरैया को शीर्ष दो स्थान मिले हैं. जबकि एस्पिरेन्ट्स श्रेणी में आजमगढ़ शीर्ष पर है. ऐसे ही प्रयास सभी जिलों में किए जाने चाहिए.

अप्रैल 2022 में प्रदेश में 22,714 नल कनेक्शन हर महीने लगाए जा रहे थे, जो आज मई 2023 में 12.96 लाख कनेक्शन हर महीने तक पहुंच गए हैं. वर्तमान में 43 हजार नल कनेक्शन हर दिन लगाए जा रहे हैं, इसे 50 हजार दैनिक तक विस्तार दिए जाने की आवश्यकता है. प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन की पूर्णता के लिए मार्च 2024 तक का लक्ष्य रखा है. प्रत्येक दशा में इस अवधि तक हर घर नल से जल की सुविधा उपलब्ध हो जाए.

सीएम ने कहा कि जल जीवन मिशन जैसे आम आदमी के जीवन को सरल बनाने वाली राष्ट्रीय योजनाओं की सफलता उत्तर प्रदेश के प्रदर्शन पर निर्भर करती है. उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है, तो हमारी जिम्मेदारी भी बड़ी है. जल जीवन मिशन के लिए धनराशि की कोई कमी नहीं है. आवश्यकतानुसार मैन पावर बढ़ाया जाए. हर गांव में प्रशिक्षित प्लम्बर की तैनाती की जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में शुद्ध पेयजल एक सपना था. आज यह सपना साकार हो रहा है. यह दोनों ही क्षेत्र शीर्ष प्राथमिकता में है. सतत प्रयासों से महोबा, प्रदेश का पहला ऐसा जिला बनने जा रहा है, जहां हर घर नल से जल की सुविधा होगी. झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, जालौन, बांदा, चित्रकूट, मीरजापुर, सोनभद्र सहित पूरे विंध्य-बुंदेलखंड में आगामी 02 माह में हर घर नल से जल का लक्ष्य पूरा कर लिया जाए.

बुंदेलखंड में जलापूर्ति में जलाशयों की बड़ी भूमिका है. इनमें सिल्ट की समस्या है. सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जलाशयों को डी-सिल्ट करने की कार्रवाई की जाए. जल जीवन मिशन से 100% संतृप्त गांवों का पारदर्शिता के साथ सत्यापन होना चाहिए. अगर एक भी उपभोक्ता असंतुष्ट है तो उनकी अपेक्षाओं को पूरा किया जाए. हमें स्थलीय निरीक्षण की व्यवस्था को और मजबूत करना होगा. कार्यपद्धति में पूरी शुचिता और पारदर्शिता होनी चाहिए. जलापूर्ति के साथ-साथ जल की अच्छी गुणवत्ता सबसे महत्वपूर्ण है. आर्सेनिक, फ्लोराइड, खारापन, नाइट्रेट, आयरन आदि के कारण गुणवत्ता प्रभावित जल वाले क्षेत्रों के सुधार के लिए जल जीवन मिशन अंतर्गत विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. इस संबंध में भारत सरकार द्वारा अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है. इन क्षेत्रों में कार्य तेज किए जाने की जरूरत है.

सीएम ने कहा अविरल-निर्मल गंगा के संकल्प के साथ गंगा एवं सहायक नदियों की स्वच्छता के लिए मिशन मोड में जारी नमामि गंगे परियोजना के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं. प्रदेश में गंगा नदी के प्रवाह के कुल 1027 किलोमीटर में 27 गंगा जनपद और 37 गंगा टाउन हैं. पूर्व में कन्नौज से वाराणसी तक 550 किमी का एक प्रदूषित खंड था जो गुणवत्ता में प्रायोरिटी 04 में आता था. उक्त प्रदूषित खंड की जल गुणवत्ता में सुधार होने के कारण नवम्बर 2022 से प्रायोरिटी 5 में आ गया है. अब हमें फर्रुखाबाद से प्रयागराज और मीरजापुर से गाजीपुर खंड पर विशेष ध्यान देना होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी में उप्र जल निगम (नगरीय) द्वारा अंडर यूटिलाइज्ड 120 एमएलडी गोइठा एसटीपी की उपयोग क्षमता में वृद्धि की जाए. 80 नाला ओवरफ्लो को टैप करने के लिए स्वीकृत 55 एमएलडी क्षमता के एसटीपी योजना को यथाशीघ्र पूरा कराया जाए. इसी प्रकार, वाराणसी में 01 नॉन कम्प्लाएन्ट एसटीपी के अपग्रेडेशन का रेलवे के सहयोग से समयबद्ध ढंग से पूरा कराएं.

सीएम ने कहा कि कानपुर में उप्र जल निगम (नगरीय) के अधीन बनियापुर एसटीपी को चालू कराया जाए. नॉन कम्प्लान्ट 04 नग एसटीपी को तत्काल क्रियाशील कराएं. इसी प्रकार, जाजमऊ स्थित टेनरी उत्प्रवाह के शोधन हेतु 36 एमएलडी क्षमता के सीईटीपी की दक्षता में सुधार किया जाना अपेक्षित है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा टेनरी एवं अन्य औद्योगिक उत्प्रवाह के संबंध में सघन अनुश्रवण करते हुए उत्सर्जित उत्प्रवाह के मानक का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए. सीएम ने कहा कि प्रदेश में स्थापित सभी एसटीपी को क्रियाशील रखें. नॉन कंप्लाएन्ट अथवा अक्रियाशील एसटीपी को तत्काल चालू कराया जाए. नदियों की स्वच्छता बिना जनसहयोग से संभव नहीं है. लोगों को इसके लिए जागरूक किया जाए. शव को नदियों में प्रवाहित करने के स्थान पर भू-समाधि देने के लिए प्रेरित किया जाए.

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