लखनऊ: ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने बरेली के विकासखण्ड बिथरी चैनपुर की ग्राम पंचायत केसरपुर के तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी विपिन पाण्डेय को विभिन्न अनियमितताओं के कारण मामले की जांच कराई. उनके विरुद्ध आईजीआरएस पोर्टल पर ग्राम्य विकास आयुक्त से शिकायत की गई थी. इस पर बरेली में जांच अधिकारी नामित कर इनके विरुद्ध लगायें गये आरोपों की जांच कराई गई. जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला विकास अधिकारी बरेली ने विपिन पाण्डेय को गुरुवार को निलंबित कर दिया गया. निलम्बन अवधि में विपिन पांडेय खण्ड विकास अधिकारी बहेड़ी से सम्बद्ध रहेंगे.
वित्तीय अनियमिता का आरोप, ग्राम विकास अधिकारी निलम्बित
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Sep 22, 2023, 12:20 PM IST
गुरुवार को ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने बरेली के विकासखण्ड बिथरी चैनपुर की ग्राम पंचायत केसरपुर के तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी विपिन पाण्डेय को सस्पेंड (Village Development Officer Vipin Pandey Suspend) कर दिया.
1255 करोड़ रुपए की दूसरी किस्त की धनराशि स्वीकृत: लखनऊ. उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 2023-24 में विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि योजनान्तर्गत निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए विधान सभा में 403 सदस्यों के लिए प्रति सदस्य को 2.50 करोड़ रुपए की दर से 1007.50 करोड़ रुपए और विधान परिषद के 99 सदस्यों के लिए प्रति सदस्य को 2.50 करोड़ रुपए की दर से 247.50 करोड़ रुपए, विधान मण्डल के कुल 503 सदस्यों में से 502 सदस्यों के लिए कुल धनराशि 1255 करोड़ द्वितीय किश्त के रूप में अवमुक्त किए गए हैं. इसकी स्वीकृति उत्तर प्रदेश शासन ने प्रदान की है. इस संबंध में आवश्यक शासनादेश ग्राम्य विकास विभाग ने जारी कर दिया है.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने दिया आदेश: उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा ग्राम्य विकास विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि स्वीकृत की गई धनराशि का व्यय विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के मार्गदर्शी सिद्धांतों में उल्लिखित व्यवस्था और इस निमित्त समय-समय पर जारी शासनादेशों के अनुसार ही किया जाये. यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सम्बन्धित जनपद के मुख्य विकास अधिकारी की तरफ से स्वीकृत की गई धनराशि की जानकारी और शासनादेश की प्रति अपने-अपने जनपद से सम्बन्धित विधान सभा / विधान परिषद सदस्यों को एक सप्ताह के अन्दर उपलब्ध करा दी जाए. शासनादेश में निर्देश दिए गए हैं कि विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत कराये जाने वाले कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने की कार्रवाई का दायित्व सम्बंधित मुख्य विकास अधिकारी का होगा.
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