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यूपी में लचर है बिजली की आपूर्ति और मांग का हिसाब, इसलिए पीक ऑवर में सिस्टम दे रहा जवाब

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Published : Jun 14, 2023, 4:15 PM IST

बिजली की बढ़ी मांग के चलते पाॅवर काॅरपोरेशन का सिस्टम जवाब दे रहा है. ऐसे में विभाग जबरदस्त बिजली कटौती कर रहा है. इसके कारण यूपी के उपभोक्ताओं को भुगतान के बाद भी सुनिश्चित बिजली नहीं मिल पा रही है.

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लखनऊ : राजधानी समेत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. अनेकों ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर बिजली की उपलब्धता होते हुए भी आम उपभोक्ताओं को ब्रेकडाउन व ओवरलोडिंग के चलते तय शेड्यूल के मुताबिक बिजली नहीं मिल पा रही. बड़े पैमाने पर बिजली कटौती की शिकायतें आ रही हैं. बिजली की भारी मांग के चलते पाॅवर काॅरपोरेशन का सिस्टम जवाब दे रहा है.

यूपी में बिजली सप्लाई से जुड़े आंकड़े.
वर्ष 2023-24 में लगभग तीन करोड़ 52 लाख 98 हजार 672 विद्युत उपभोक्ताओं का कुल संयोजित भार लगभग 7 करोड़ 47 लाख 59 हजार 332 किलोवाॅट है, जबकि पाॅवर ट्रांसमिशन काॅरपोरेशन के 132 केवी सब स्टेशनों की कुल क्षमता देखी जाए तो मार्च 2023 तक लगभग 61 हजार 194 एमबीए. अगर इसे किलोवाॅट में देखा जाए तो यह लगभग 5 करोड़ 50 लाख 74 हजार 600 किलोवाॅट के करीब होगा. यानी पीक ऑवर में जब प्रदेश का विद्युत उपभोक्ता गर्मी में अपना फुल लोड का प्रयोग करेगा तो पाॅवर ट्रांसमिशन काॅरपोरेशन की क्षमता मिसमैच करने लग जाएगी.
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा.

गर्मी में पीक ऑवर्स में डायवर्सिटी फैक्टर जब 1 अनुपात 1 होता है उस दौरान उपभोक्ता अपना अधिकतम भार का प्रयोग करता है. सिस्टम पर 17 से 20 प्रतिशत बिजली चोरी का भार भी एकाएक आ जाता है. ऐसे में उपभोक्ताओं को जहां बडे़ पैमाने पर लो वोल्टेज का खामियाजा भुगतना पड़ता है. वहीं पाॅवर ट्रांसमिशन काॅरपोरेशन व बिजली कंपनियों का सिस्टम कांपने लगता है. ऐसे में प्रदेश की बिजली कंपनियों को युद्ध स्तर पर अपने सिस्टम को अपग्रेड करने की सलाह दी गई है.



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