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कनेक्शन देने के लिए विभाग के पास मीटर नहीं, गैंग के पास नए मीटरों की भरमार

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 23, 2023, 10:38 AM IST

बिजली विभाग ( UP Electricity Department) के पास नए कनेक्शन देने के लिए मीटर नहीं हैं. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि भले ही विभाग के पास मीटर नहीं हैं लेकिन अयोध्या में गैंग के पास से 230 नये मीटर मिले थे.

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लखनऊ: अगर कोई उपभोक्ता बिजली विभाग में कनेक्शन के लिए आवेदन करता है तो झटपट पोर्टल के जरिए कनेक्शन मिलने की अवधि सात दिन निर्धारित की गई है, लेकिन कनेक्शन महीनों तक नहीं मिलता है. वजह है कि विभाग हमेशा मीटर न होने का रोना (Electricity meters for new connection) रोया करता है. उपभोक्ता उपकेंद्र के चक्कर लगा लगाकर थकता है लेकिन उसको अधिकारियों की तरफ से टके सा जवाब मिलता है कि जब मीटर होगा तभी तो कनेक्शन हो पाएगा, लेकिन अयोध्या में गैंग के पास नए मीटर्स का अंबार मिलने से बिजली विभाग के अफसरों के उपभोक्ताओं को मीटर न होने की दलील देने की कलई खुल गई है.

यूपी में बिजली विभाग के पास नए कनेक्शन देन के लिए नहीं हैं मीटर

नहीं मिल रहे नए बिजली के कनेक्शन: उत्तर प्रदेश में मीटर की कमी से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को नया कनेक्शन नहीं मिल पाता, लेकिन दो दिन पहले अयोध्या में विद्युत मीटर रीडिंग बैक करने और विद्युत मीटरों की चिप बदलने लगाने वाले एक बडे गैंग का खुलासा हुआ, जिसमें अब जो रिपोर्ट निकल कर सामने आ रही है उसमें उस गैंग के पास लगभग 600 मीटर पुराने मिले और वहीं लगभग 230 मीटर नए पाए गए. ये बिजली कंपनियों में निरंतर सप्लाई करने वाली मीटर निर्माता कंपनियां के मीटर है और जिसमें सभी बिजली कंपनियों का नाम अंकित है.

गैंग के मिले बिजली के नए मीटर और दूसरा सामान: गिरोह पूरे उत्तर प्रदेश में फैला हुआ है. सबसे चौंकाने वाला मामला यह है कि गैंग के पास लगभग 800 प्लास्टिक सील पाई गई जिसमे बडी संख्या में बिजली कंपनियों के नाम अंकित थे. अलग से केबल से कटे हुए विभिन्न बिजली कंपनियों के मीटर जिसमें मध्यांचल, पूर्वांचल व दक्षिणांचल लिखे हुए पाए गए. 400 चिप पाई गईं. बडी संख्या में रिमोट पाए गए. कुछ डुप्लीकेट सील और कुछ पेपर सील भी पाई गईं. गिरोह के सरगना के मोबाइल नंबर में बिजली कंपनियों के क/कर्मचारियों, संविदा कर्मियों और मीटर लगाने वाली एजेंसियों के बडी संख्या में मोबाइल नंबर पाए गए.

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का दफ्तर
उपभोक्ता परिषद ने उठाया नए मीटरों की किल्लत का मुद्दा: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि ये चौंकाने वाला मामला है. जो नए 230 मीटर बरामद किए गए हैं तत्काल बिजली कंपनियां उनके नंबर से मिलान करें कि स्टोर से वह किस अभियंता को अलॉट किया गया था और तत्काल उन्हें चिन्हित किया जाए. सबसे बडा सवाल यह है कि प्लास्टिक सील किसको अलॉट थी. वह कैसे उसके पास पहुंची? पुराने मीटर कैसे उसके पास पहुंचे? सब मिलाकर जब तक अभियंता कार्मिक और संविदा कर्मी इसमें संलिप्त नहीं होंगे तब तक इतना बडा गैंग इतने बडे पैमाने पर नहीं चल सकता, इसलिए पावर कारपोरेशन को तत्काल कई टीमें गठित कर कार्रवाई करना चाहिए.

पूरे प्रदेश में सक्रिय है गैंग: गैंग के पास सभी बिजली कंपनियों के मीटर प्राप्त हुए हैं. इसका मतलब कि गैंग पूरे प्रदेश में काम कर रहा होगा, इसलिए पावर कारपोरेशन को सजग हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए कि इसमें कही मीटर निर्माता कंपनियों के कर्मचारी की मिलीभगत तो नहीं है या उसे क्षेत्र में जो काम करने वाली एजेंसियां हैं वह तो मिली नहीं हैं. गहन जांच कर इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक करना चाहिए जिससे इस प्रकार के गैंग का पर्दाफाश हो सके.

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