उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

अयोध्या विवादित ढांचा विध्वंस मामला: राज्य सरकार और CBI ने अपील की पोषणीयता पर उठाए सवाल

By

Published : Aug 1, 2022, 10:00 PM IST

अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में राज्य सरकार और सीबीआई ने अपील की पोषणीयता पर सवाल उठाए हैं. दोनों ने आपत्ति दाखिल करने के लिए समय की मांग की. है या नहीं

etv bharat
लखनऊ हाईकोर्ट

लखनऊःअयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस (बाबरी मस्जिद) मामले में सत्र अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल अपील का राज्य सरकार और सीबीआई की ओर से विरोध किया है. दोनों ने अपील की पोषणीयता (सुनवाई योग्य) पर सवाल उठाते हुए आपत्ति दाखिल करने के लिए समय की मांग की. जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने 2 सप्ताह का समय दिया है. वहीं, अपीलार्थियों को इसके अगले एक सप्ताह में आपत्ति पर जवाब दाखिल करना होगा. न्यायालय ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 5 सितम्बर को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने अयोध्या निवासी हाजी महबूब अहमद व सैयद अखलाक अहमद की ओर से दाखिल अपील पर दिया है. पिछली सुनवाई पर न्यायालय ने उक्त मामले में दाखिल पुनरीक्षण याचिका को आपराधिक अपील में परिवर्तित करने का आदेश दिया था. सोमवार को इसी अपील पर सुनवाई हुई.

सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता विमल श्रीवास्तव व सीबीआई के अधिवक्ता शिव पी शुक्ला ने दलील दी कि अपीलार्थी विवादित ढांचा गिराए जाने के इस मामले के पीड़ित नहीं हैं. लिहाजा सीआरपीसी की धारा 372 के परंतुक के तहत वर्तमान अपील दाखिल नहीं कर सकता. वहीं, अपीलार्थियों की ओर से दलील दी गई कि वे इस मामले में विवादित ढांचा गिराए जाने की वजह से पीड़ित हैं, लिहाजा उन्हें सत्र अदालत के फैसले को चुनौती देने का अधिकार है.

पढ़ेंः हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय, सजा में वृद्धि के लिए पीड़ित नहीं कर सकता अपील

उल्लेखनीय है कि विशेष अदालत ने अयोध्या प्रकरण ने 30 सितम्बर 2020 को निर्णय पारित करते हुए, विवादित ढांचा विध्वंस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, लोक सभा सदस्यों साक्षी महाराज, लल्लू सिंह व बृजभूषण शरण सिंह समेत सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया था. वर्तमान अपील में कहा गया है कि दोनों अपीलार्थी उक्त मामले में न सिर्फ गवाह थे बल्कि घटना के पीड़ित भी हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details