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Peacock Safari: यूपी में अब इको टूरिज्म का नया आयाम: टाइगर व नाइट सफारी के बाद अब बनेगा पीकॉक सफारी

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Published : Jan 19, 2023, 5:11 PM IST

उत्तर प्रदेश में यूपी सरकार जल्द ही लोगों को एक बड़ा और आयाम तोहफा देने जा रही है. जी हां अब तक आप लोगों ने टाइग, लायन और नाइट सफारी का लफ्त उठाया है. लेकिन जल्द ही यूपी में अब पीकॉक सफारी (Peacock Safari) भी बनेगी. मथुरा के वंशी वट क्षेत्र में यह सफारी बनाने का प्रस्ताव बनाया गया है.

पीकॉक सफारी
पीकॉक सफारी

जानकारी देते हुए भाजपा विधायक राजेश चौधरी

लखनऊ :उत्तर प्रदेश में जंगल सफारी का ट्रेंड तेजी से बढ़ता जा रहा है. यहां अभी तक लायन सफारी विकसित किए जा चुके हैं. बिजनौर में टाइगर सफारी को विकसित होने वाला है. इसके साथ ही वन विभाग ने मथुरा में पीकॉक सफारी बनाने के प्रस्ताव पर काम शुरू कर दिया है. मांट मथुरा के बीजेपी विधायक राजेश चौधरी ने बताया कि मथुरा के वंशी वट क्षेत्र में यह सफारी बनाने का प्रस्ताव बनाया गया है.

मथुरा में वृंदावन क्षेत्र है और यहां पर स्थित है विधानसभा क्षेत्र मांट. मांट क्षेत्र में ही बंसीवट वन है. क्षेत्र के बारे में पौराणिक मान्यता है कि भगवान कृष्ण जब गाय चराने के लिए मांट आते थे. वंशीवट के नीचे बैठकर भी बांसुरी बजाते थे. यमुना के किनारे स्थित ईश्वरम स्थल पर उनकी बांसुरी की आवाज सुनकर पशु-पक्षी आ जाया करते थे. पशु-पक्षियों की जमघट में सुंदर मोरों की बड़ी संख्या हुआ करती थी. आज भी इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में मोर हैं, इसलिए यहां पर मोर सफारी बनाने की मांग उठ रही है.

पीकॉक सफारी

मांट से विधायक राजेश चौधरी ने बताया कि क्षेत्र की पौराणिक मान्यता को देखते हुए इस को पर्यटन की दृष्टि से और अधिक शक्तिशाली बनाया जाएगा. इसको लेकर में वन विभाग के समक्ष यहां पर मोर सफारी बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. सफारी बनने के बाद मथुरा के प्राकृतिक स्थल में मोरों का संरक्षण होगा और देश विदेश से सेलानी क्षेत्र में आएंगे. उन्होंने बताया कि अभी भी यहां पर बुजुर्ग लोग आते हैं और मंदिर के पास बैठकर बांसुरी वादन करते हैं. मोरों को यहां पर देखा जा सकता है.

बिजनौर में बनेगा टाइगर सफारी :उत्तर प्रदेश में आने वाले पर्यटकों और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए योगी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. इसके लिए जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान से जुड़े उत्तर प्रदेश के हिस्से को टाइगर सफारी के तौर पर विकसित करने की योजना है. सरकार उन इलाकों को संरक्षित करने के लिए अभियान चलाएगी, जहां बाघों की आवाजाही होती है. इस इलाके को 'न्यू जिम कार्बेट' नाम देकर टाइगर सफारी के तौर पर विकसित किया जाएगा. बिजनौर के अमानगढ़ में लगभग 80 वर्ग किलोमीटर में फैले इस जंगल को टाइगर सफारी बनाया जाएगा. यही जंगल उत्तराखंड के जिम कार्बेट जंगल से जुड़ा है. साथ ही, इसे इको और गंगा टूरिज्म से भी जोड़ा जाएगा. इसके अलावा यहां पर पर्यटकों के लिए विश्व पर्यटन स्थल की सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी. इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हो सकेंगे. इससे पहले दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व भी सफारी के तौर पर ही विकसित हैं.

पीकॉक सफारी

इटावा में लायन सफारी : उत्तर प्रदेश के इटावा में वन्यजीव सफारी पार्क और 8 किमी के परिधि के साथ एशिया में सबसे बड़ा प्रस्तावित ड्राइव है. यह आगरा शहर से 2 घंटे की ड्राइविंग दूरी और राज्य की राजधानी लखनऊ से करीब 3 घंटे की ड्राइविंग दूरी पर स्थित है. इस परियोजना के साथ सौंपा वन्यजीव अधिकारियों ने प्रेरणा के लिए इंग्लैंड के लोंगलीट सफारी पार्क का दौरा किया. इसमें एक शेर सफारी, एक हिरण सफारी, एक हाथी सफारी, भालू सफारी और एक तेंदुए सफारी है. हाल ही में नाइजीरिया से लाए गए चीते भी इस सफारी में छोड़े गए हैं. इसमें पहले से ही स्टीम लोकोमोटिव के साथ भारतीय सेना के दो विजयंत टैंक हैं. इसमें 4 डी रंगमंच भी है, जो आपको वन्यजीवन के साथ वास्तविक क्लोजअप देता है.

वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि हम बिजनौर में जिम कार्बेट के यूपी के हिस्से में टाइगर सफारी बनाने जा रहे हैं. जिसमें बाघ संरक्षण किया जाएगा. पर्यटक भी आकर्षित होंगे. इसके अलावा मथुरा के मांट से विधायक राजेश चौधरी का भी प्रस्ताव प्राप्त हुआ है. निश्चित तौर पर उनके प्रस्ताव के आधार पर अफसरों से रिपोर्ट मांग कर आगे की कार्यवाही करेंगे.

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