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लखनऊ: सिविल अस्पताल की लापरवाही से मरीज की आंखों की रोशनी गई

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Published : Jul 19, 2019, 12:03 PM IST

राजधानी लखनऊ के जिला अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मरीज के आंख की रोशनी जाने का मामला आया है. परिजनों का आरोप है कि पेट में दर्द की शिकायत पर सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने इंजेक्शन लगाया, जिससे आंखों की रोशनी चली गई.

लापरवाही से मरीज के आंखों की रोशनी चली गई

लखनऊः राजधानी के सिविल अस्पताल के डॉक्टरों पर एक बार फिर से लापरवाही का आरोप लगा है. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर के इंजेक्शन लगाने के बाद मरीज के आंख की रोशनी चली गई, जिसके हालत बिगड़ती देख डॉक्टरों ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया और ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया.

लापरवाही से मरीज के आंखों की रोशनी चली गई.

क्या है पूरा मामला-

  • गुरुवार रात गोसाईगंज से एक मरीज सिविल अस्पताल में पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंचा था.
  • जहां सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज को इंजेक्शन लगाया.
  • आरोप है कि इंजेक्शन लगाने के बाद मरीज आंखों की रोशनी डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से चली गई.
  • आंख की रोशनी जाते देख मरीज के साथ मौजूद परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया.
  • मरीज की हालत बिगड़ती देख डॉक्टरों ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया और ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया.
  • ट्रामा सेंटर पर भी डॉक्टरों ने मरीज को भर्ती नहीं किया.
Intro:



राजधानी लखनऊ के जिला अस्पताल की लापरवाही दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। देर रात एक मरीज सिविल अस्पताल में अपनी पीड़ा को लेकर की पहुंचा था। लेकिन मरीज आंखों की रोशनी डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से चली गई।

Body:सिविल अस्पताल की लापरवाही सामने आई है। दरअसल मरीज को पेट में दर्द की शिकायत थी। इस को ध्यान में रखते हुए बताया जा रहा है कि सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे इंजेक्शन लगाया लेकिन इंजेक्शन लगने के बाद की मरीज की आंखों की रोशनी चली गई मरीज की आंखों की रोशनी जाता देख परिजन परेशान हो गए जिसके बाद सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज की हालत बिगड़ती देख पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया और ट्रामा सेंटर कर दिया उसके बाद वहां मरीज के साथ मौजूद परिजनों ने हंगामा काटना शुरू किया। लेकिन किसी भी तरह की कोई संवेदनशीलता भरा रवैया सिविल अस्पताल की तरफ से नहीं अपनाया गया। इसके बाद हालांकि परिजन ट्रामा सेंटर की ओर भागे लेकिन मालूम चला है कि वहां पर भी डॉक्टरों द्वारा उसे भर्ती नहीं किया गया।

धरती का भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों का इस तरह का रवैया से साफ है क्या करें भाई चिकित्सा सेवाएं किस तरफ जा रही है। गोसाईगंज से आए मरीज को इस तरह के इलाज के बाद उसकी आंखों की रोशनी से हाथों में पड़ गया है।



बाइट- परिजन

Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
705465976

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