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देसी जुगाड़ के जरिए बोरवेल से निकाला गया मासूम, NDRF और SDRF की टीमें हुईं फेल

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Published : May 7, 2021, 6:46 PM IST

राजस्थान के जालोर के सांचौर क्षेत्र के लाछड़ी गांव में बोरवेल में गिरे बच्चे को देर रात 3 बजे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों के विफल होने के बाद देसी जुगाड़ के जरिए मासूम को बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकाला गया. जिसके बाद बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई.

देसी जुगाड़ से निकाला गया बोरवेल से मासूम
देसी जुगाड़ से निकाला गया बोरवेल से मासूम

जालोर (राजस्थान) : सांचौर क्षेत्र के लाछड़ी गांव में गुरुवार यानी सुबह 10 बजे 4 साल का मासूम अनिल देवासी बोरवेल में गिर गया था. जिसको बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बुलाई गई थीं. जिनके द्वारा रात को दो बजे तक प्रयास किया गया, लेकिन तकनीक काम नहीं आई. जिसके बाद जिले के भीनमाल के मेडा निवासी माधाराम सुथार ने देसी जुगाड़ से मासूम को सुरक्षित बाहर निकाल लिया.

मासूम को बोरवेल से बाहर निकालने में NDRF और SDRF की टीमें हुईं फेल

जानकारी के अनुसार गुरुवार दस बजे खेलते-खेलते मासूम अनिल देवासी अपने खेत में खुदे बोरवेल में गिर गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और बच्चे को बाहर निकालने की कवायद शुरू की गई. कैमरा डालकर बच्चे की तस्वीर देखी गई तो बच्चा सुरक्षित था. ऐसे में बोरवेल में ऑक्सीजन की नली डाली गई. दो बार दूध और बिस्किट भी बोरवेल में दिए गए. इस बीच गुजरात से एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची.

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वहीं, गुरुवार को शाम होते-होते जालोर से जिला कलेक्टर नम्रता और एसपी श्याम सिंह भी मौके पर पहुंच गए. देर रात तक एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें मेहनत करती रहीं, लेकिन अनिल को बाहर निकालने में नाकाम रहीं. जिसके बाद भीनमाल के पास मेडा गांव में रहने वाले माधाराम सुथार को बच्चे को बाहर निकालने का जिम्मा दिया गया. उन्होंने देसी जुगाड़ से अनिल को रात तीन बजे सुरक्षित बाहर निकाल लिया.

इस प्रकार देसी जुगाड़ से निकाला बाहर

एनडीआरएफ व एसडीआरएफ द्वारा अलग-अलग तरह की कार्य योजना बनाकर अनिल को बाहर निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन देर रात तक सफलता नहीं मिली. जिसके बाद माधाराम ने कमान संभाली और 90 फीट लंबी तीन पाइप बोरवेल में डाली गई. तीनों पाइपों के आगे वाले हिस्से पर रस्सी को बांधा गया. जब पाइप बच्चे तक पहुंची तब बच्चे को खड़ा होने को कहा गया. बच्चा खड़ा हुआ तो माधाराम ने पाइप के नीचे वाले हिस्से में बंधी रस्सी के हिस्से को खींच कर तीनों पाइपों को नीचे एकत्रित करके बांध दिया. जिससे बच्चा अनिल तीनों पाइपों के बीच फंस गया. उसके बाद धीरे-धीरे तीनों पाइपों व रस्सी को बाहर खींचा गया. जिसके चलते पाइप के बीच फंसा बचा अनिल भी सुरक्षित बाहर निकल गया.

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