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चारबाग रेलवे स्टेशन के अपग्रेडेशन की योजना को लगा झटका, NBCC ने पीछे खींचे हाथ

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Published : Nov 30, 2020, 5:20 PM IST

एनबीसीसी ने चारबाग रेलवे स्टेशन अपग्रेडेशन से हाथ पीछे खींच लिए हैं. एनबीसीसी के हट जाने से स्टेशन को अपग्रेडेशन की योजना को झटका लगा है. इससे 1800 करोड़ रूपये के इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में अभी और वक्त लगेगा.

चारबाग रेलवे स्टेशन के अपग्रेडेशन की योजना को लगा झटका
चारबाग रेलवे स्टेशन के अपग्रेडेशन की योजना को लगा झटका

लखनऊ: रेलवे ने चारबाग स्टेशन को मॉडर्न स्टेशन बनाने का जो ख्वाब संजोया गया था उसे नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (एनबीसीसी) ने जोरदार झटका देते हुए चकनाचूर कर दिया है. एनबीसीसी के काम से हाथ पीछे खींच लेने से चारबाग रेलवे स्टेशन को अत्याधुनिक बनाने का काम तकरीबन पांच साल पिछड़ गया है. अब जब नई निर्माण एजेंसी चयनित होगी, तो फिर से चारबाग रेलवे स्टेशन के अपग्रेडेशन का काम शुरू हो सकेगा.

दो साल पहले बनी थी दोनों स्टेशनों के विकास की योजना
दो साल पूर्व उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के चारबाग रेलवे स्टेशन और पूर्वोत्तर रेलवे के गोमती नगर रेलवे स्टेशन के अपग्रेडेशन की योजना बनाई गई थी. अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेशन बनाने के लिए इन दोनों स्टेशनों को तैयार करने की जिम्मेदारी रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (आरएलडीए) और नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (एनबीसीसी) ने थामी थी. चारबाग रेलवे स्टेशन के लिए 1800 करोड़ और गोमती नगर रेलवे स्टेशन के लिए 1910 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित हुआ था. गोमती नगर रेलवे स्टेशन के अपग्रेडेशन का काम तो शुरू हो गया, लेकिन चारबाग स्टेशन पर भूमि पूजन के अलावा और कुछ भी न हो सका, जबकि चारबाग के लिए दो किस्तों में करीब 100 करोड़ रुपये भी दिए जा चुके थे. उत्तर रेलवे के अधिकारी बताते हैं कि चारबाग रेलवे स्टेशन के डेवलपमेंट के लिए जो मॉडल तय किया गया था, उसके फेल होने की वजह से पूरा प्रोजेक्ट प्रभावित हो गया है. अब एनबीसीसी प्रोजेक्ट से पीछे हट गई है. लिहाजा, चारबाग स्टेशन के अपग्रेडेशन का काम करीब पांच साल पिछड़ गया है.

अगले साल दिसंबर तक तैयार होना था स्टेशन
एनबीसीसी ने रेलवे स्टेशन के अपग्रेडेशन से सम्बंधित निर्माण कार्य करने से मना कर दिया है. अगर समय पर निर्माण कार्य शुरू होकर लगातार जारी रहता, तो तय मियाद के मुताबिक अगले साल दिसंबर तक स्टेशन को बनाकर तैयार करना था. अब ये काफी साल बाद पूरा हो पाएगा.

इस तरह का था स्टेशन का मॉडल
अपग्रेडेशन के मॉडल के अंतर्गत चारबाग और गोमती नगर रेलवे स्टेशन के लिए पहले रेलवे की जमीन का कॉमर्शियल इस्तेमाल किया जाना था, फिर उससे होने वाली कमाई को रेलवे स्टेशन के विकास में लगाना था, लेकिन पहले नोटबंदी और फिर कोरोना संक्रमण के कारण जमीनों का कॉमर्शियल इस्तेमाल नहीं हो पाया, जिसके कारण मॉडल फेल हो गया. रेलवे की जमीनों को व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए लीज पर दिया जाना था. पहले लीज की मियाद 45 साल और फिर उसे बढ़ाकर 60 साल कर दिया गया. इतना होने के बावजूद खरीदार सामने आए ही नहीं.

इस वजह से एनबीसीसी हटी पीछे
चारबाग और गोमती नगर रेलवे स्टेशन के अपग्रेडेशन में शुरुआती दौर में एनबीसीसी शामिल हुई, लेकिन एनबीसीसी, आरएलडीए और रेलवे के बीच मनमुटाव के चलते काम ठप होता गया. रेलवे जमीनों के कमर्शियल इस्तेमाल से एनबीसीसी कमाई करने में भी फेल हो गई, ऐसे में स्टेशन के विकास पर होने वाले खर्च को निकालना काफी दिक्कतों भरा रहा. इसीलिए एनबीसीसी ने चारबाग रेलवे स्टेशन के विकास से किनारा कर लिया, वहीं गोमती नगर में स्टेशन परिसर में ही रेलवे की व्यावसायिक जमीन मौजूद होने के कारण समस्या नहीं आई.

अब नए सिरे से होगा काम
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के एक सीनियर अफसर बताते हैं कि चारबाग रेलवे स्टेशन के विकास की पूरी जिम्मेदारी एनबीसीसी की ही थी. इस एजेंसी ने अब काम करने से मना कर दिया है. अब स्टेशन के डेवलपमेंट के लिए नई एजेंसी का चयन करना पड़ेगा, फिर वह एजेंसी नए सिरे से नए मॉडल पर काम करेगी.

खाली कराई कॉलोनी फिर भी न बनी बात
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन ने चारबाग रेलवे स्टेशन के अपग्रेडेशन के लिए चार रेलवे कॉलोनी भी खाली करा डालीं. आरएलडीए को निर्माण के लिए भूमि मुहैया करा दी, लेकिन एनबीसीसी इन रेलवे कॉलोनियों के खाली होने से मिली जगह का व्यावसायिक प्रयोग नहीं कर सकी और पीछे हट गई.

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