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19वें साल बाहुबली अमरमणि के परिवार के लिए खुले मायावती के दरवाजे, बेटे को थमाया टिकट...

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Published : Feb 9, 2022, 1:22 PM IST

Updated : Feb 9, 2022, 2:28 PM IST

मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के 19वें साल बाद आखिर बसपा के दरवाजे एक बार फिर से अमनमणि त्रिपाठी परिवार के लिए खुल गए. बसपा की ओर से अमनमणि को नौतनवा से टिकट देकर चुनावी मैदान पर उतारा गया है. इसका विरोध भी हो रहा है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

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अमनमणि की सास सीमा सिंह ने सोशल मीडिया पर जारी किया वीडियो.

लखनऊ : यूपी के बाहुबली विधायक अमरमणि त्रिपाठी पर बसपा में रहते कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के आरोप लगे. ऐसे में मायावती ने पार्टी के दामन को पाक-साफ बनाये रखने के लिए अमरमणि को बाहर का रास्ता दिखा दिया. वहीं विवादों में रहे उनके बेटे अमनमणि से भी दूरी बनाए रखीं. वहीं, अब 19वें साल इस बाहुबली परिवार के लिए बसपा के सियासी दरवाजा फिर से खुल गया. पार्टी ने अमनमणि को नौतनवा से टिकट देकर मैदान में उतार दिया है. इस टिकट की घोषणा प्रदेश कार्यालय के बजाए जिला यूनिट से की गई.


महराजगंज जिले की नौतनवा विधानसभा से निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी को बसपा ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है. अमनमणि मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में पत्नी समेत सजायाफ्ता पूर्व कैबिनेट मंत्री अमर मणि त्रिपाठी के बेटे हैं. अमरमणि त्रिपाठी 2003 में बसपा से निष्कासित किए गए थे. अब बेटे को बसपा में इंट्री मिली है. बेटे अमनमणि त्रिपाठी पर इनकी पहली पत्नी सारा सिंह की हत्या का आरोप हैं. वर्ष 2015 में आगरा में हुए कार हादसे में सारा की मौत हो जाती है जबकि अमनमणि त्रिपाठी को मामूली खरोंचे लगती हैं. फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है.

बसपा ने अमनमणि को थमाया टिकट.
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अमनमणि त्रिपाठी नौतनवा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं. 31 साल के अमनमणि को राजनीति उनके पिता अमरमणि त्रिपाठी से विरासत में मिली है. इनके पिता अमरमणि त्रिपाठी (लक्ष्मीपुर) जो अब नौतनवा विधानसभा हो गई है, इससे चार बार विधायक रहे हैं. पिता के जेल जाने के बाद अमनमणि ने राजनीति में अपना हाथ बढ़ाया. अमनमणि त्रिपाठी ने 16वीं विधानसभा चुनाव 2012 में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और नौतनवा विधानसभा सीट पर उन्होंने समाजवादी पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार कुंवर कौशल किशोर सिंह से हार गए. इसके बाद 17वीं विधान सभा के चुनाव में अमनमणि त्रिपाठी ने एक बार फिर से समाजवादी पार्टी से टिकट मांगा, लेकिन पत्नी की हत्या के मामले में फंसने के बाद सपा ने टिकट देने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने जेल से निर्दलीय चुनाव लड़ा और सपा उम्मीदवार को हराकर पहली बार विधायक चुने गए.

निधि शुक्ला ने यह कहा.

महराजगंज की नौतनवा विधानसभा से भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी से टिकट मिलने की सुगबुगाहट चली. ऐसे में अमनमणि की सास सीमा सिंह ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अमन को टिकट न देने की अपील की थी. वहीं बसपा से टिकट मिलने पर मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने विरोध जताया. साथ ही चुनाव में जनता से सबक सिखाने की अपील की.

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Last Updated : Feb 9, 2022, 2:28 PM IST

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