लखनऊ: आज के समय में पथरी होना एक आम बात हो गई है. 10 में से चार या लोगों मरीजों में पथरी रहती है. कई बार यह पथरी लीवर या गॉलब्लैडर में हो जाती है. विशेषज्ञ के मुताबिक पथरी होने के कई कारण होते हैं. लेकिन किस मरीज को किस कारण से पथरी हुई है. अब इसके बारे में स्टोन एनालाइजर मशीन के द्वारा ही पता चल जाएगा. फिलहाल केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग में 100 मरीजों की पथरी का टेस्टिंग चल रही है. यह मशीन बताएगी कि आपने किस चीज का सेवन ज्यादा किया है, जिस वजह से आपको पथरी हुई है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस बात की जानकारी होने पर हम अन्य मरीजों को आगाह कर सकते हैं कि वह अपने दिनचर्या में खानपान में क्या शामिल करें.
यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष वरिष्ठ डॉक्टर एसएन शंखवार ने बताया कि वैसे तो पथरी होने के तमाम कारण हैं. जिसमें पानी कम पीना, जंक फूड का अत्यधिक सेवन करना, संतुलित आहार न खाना व दिनचर्या का इधर-उधर हो होना. लेकिन मरीज को पथरी होने का मुख्य कारण क्या है. अब इसके बारे में डॉक्टर पता लगा सकते हैं. केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग में स्टोन एनालाइजर मशीन स्थापित की गई है. इस मशीन के जरिए मरीज के ऑपरेशन के बाद जो पथरी निकाली जा रही है. उस पथरी का टेस्ट होगा और देखा जाएगा कि मरीज ने किस चीज का सेवन सबसे अधिक किया है. जिसकी वजह से यह पथरी बनी है. उन्होंने कहा कि हर 10 मरीज में से 3 मरीज ऐसे पाए जाते हैं जो पथरी से पीड़ित रहते हैं. आज के समय में पथरी होना एक आम बात हो गई है. क्योंकि लोग अपने हेल्थी खानपान का ख्याल नहीं रखते हैं.
यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष ने बताया कि फिलहाल अभी तो मरीजों के ऊपर इस मशीन के जरिए टेस्टिंग चल रही है. इस मशीन के जरिए जो रिजल्ट आएगा, इसमें से देखा जाएगा कि सबसे अधिक क्या खाने से मरीजों को पथरी हुई है. उसको लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पहले के समय में बहुत कम मरीज पथरी के होते थे. क्योंकि आज से 10 साल पहले लोग समय से खाना-पीना खाते थे. बाहर की चीजें नजर अंदाज करते थे. हफ्ते में एक बार खा लिया या महीने में दो बार खा लिया. पहले ऐसा होता था. लेकिन आज ज्यादातर युवा बाहर का खाना ही पसंद करते हैं. बाहर के खाने में अधिक तेल मसाले होते हैं. जो सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं.
कैल्शियम स्टोन (Calcium Stone):डॉक्टर एसएन ने बताया कि कैल्शियम स्टोन, किडनी स्टोन का सबसे साधारण प्रकार है. यह किडनी स्टोन कैल्शियम, ऑक्सलेट या फॉस्फोरस जैसे कैमिकल के मेल से बनता है. जो व्यक्ति कम पानी पीते हैं या ऑक्सलेट और फॉस्फोरस वाला आहार ज्यादा लेते हैं. उन्हें इसकी समस्या अधिक होती है. 80 प्रतिशत लोग इसी किडनी स्टोन के शिकार होते हैं.
यूरिक एसिड स्टोन (Uric Acid Stone):डॉक्टर एसएन ने कहा कि यूरिक एसिड किडनी स्टोन महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक पाया जाता है. यह किडनी स्टोन तब होता है. जब पेशाब में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाए. प्युरिन युक्त आहार लेने की वजह से यूरिक एसिड स्टोन की समस्या सबसे अधिक होती है. प्यूरिन एक बेरंग पदार्थ होता है. जो कि पशु प्रोटीन में सबसे ज्यादा पाया जाता है. जो व्यक्ति अधिक मात्रा में मांसाहार लेते हैं. उन्हें यूरिक एसिड स्टोन होने की आशंका अधिक बनी रहती है.
स्ट्रुवाइट स्टोन (Struvite Stone):डॉक्टर एसएन ने कहा कि स्ट्रुवाइट स्टोन पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में सबसे अधिक पाया है. जो महिलाएं मूत्र पथ संक्रमण (Urinary Tract Infection) से जूझ रही होती हैं, उनको किडनी स्टोन होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है. इस किडनी स्टोन होने का मतलब होता है कि अब मूत्र पथ संक्रमण काफी आगे बढ़ चुका है और इसकी वजह से किडनी संक्रमित हो चुकी है. इस किडनी स्टोन की वजह से पेशाब से जुड़ी समस्याएं बढ़ने लगती हैं. इस स्ट्रुवाइट किडनी स्टोन से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले संभावित संक्रमण से छुटकारा पाना होता है.
सिस्टीन स्टोन (Cystine Stone):डॉक्टर एसएन ने बताया कि सिस्टीन स्टोन महिलाओं और पुरुषों दोनों में हो सकता है. यह किडनी स्टोन एक वंशानुगत रोग है. जो कि सिस्टीन के किडनी से मूत्र में रिसाव की वजह से होता है. बाकी किडनी स्टोन के मुकाबले यह किडनी स्टोन काफी दुर्लभ होता है. उन्होंने बताया कि सिस्टीन एक गैर-जरूरी अमीनो एसिड है. यह बीटा-केराटिन में पाया जाता है. यह नाखून, त्वचा और बालों में मिलने वाला एक मुख्य प्रोटीन है. सिस्टीन कोलेजन बनाने के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है.
Stone Analyzer Machine से पता चलेगा किस कारण से हुई मरीजों में पथरी, टेस्टिंग जारी
लखनऊ केजीएमयू (Lucknow KGMU) यूरोलॉजी विभाग में एनालाइजर मशीन (Stone Analyzer Machine) से 100 मरीजों की पथरी टेस्टिंग में पता लगेगा कि किस कारण से पथरी हुई है. साथ ही बचाव के उपाय भी बताए गए.
Stone Analyzer Machine
पथरी सेबचाव के लिए दिनचर्या का रखें ख्याल
1- प्रतिदिन दो से तीन लीटर पानी पीएं.
2- तरल पदार्थों का अत्यधिक सेवन करें.
3- आप जो कुछ भी खा रहे हैं समय से खाएं. साथ ही सोडियम युक्त आहार कम खाएं.
4-मौसमी फलों का सेवन अधिक करें.