उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

Kheri Tikuniya incident में हाईकोर्ट ने आठ अभियुक्तों को दी 20 मार्च तक की अंतरिम जमानत, छोड़ने होंगे दो प्रदेश

By

Published : Feb 15, 2023, 7:50 PM IST

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खीरी के तिकुनिया कांड (Kheri Tikuniya incident) मामले के आठ अभियुक्तों को सशर्त अंतरिम जमानत दे दी है. कोर्ट ने कहा है कि एक सप्ताह के भीतर सभी अभियुक्तों को उत्तर प्रदेश छोड़ना होगा. मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी.

c
c

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खीरी के तिकुनिया कांड मामले में जेल में निरुद्ध अंकित दास समेत आठ अभियुक्तों को 20 मार्च 2023 तक के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. इसी के साथ न्यायालय ने केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा को जमानत दिए जाते समय लगाई गई सुप्रीम कोर्ट की शर्तों को उक्त आठ अभियुक्तों पर भी लागू किया है. मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, लतीफ़ उर्फ काले, सत्यम त्रिपाठी उर्फ सत्य प्रकाश त्रिपाठी, शेखर भारती, आशीष पांडेय, रिंकू राणा व सुमित जायसवाल की ओर से दाखिल अलग-अलग जमानत याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया. अभियुक्तों की ओर से दलील दी गई थी कि मामले के अभियुक्त आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को सर्वोच्च न्यायालय ने सशर्त जमानत दी है. लिहाजा उक्त अभियुक्तों को भी जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए. इस पर न्यायालय ने शीर्ष अदालत द्वारा आशीष मिश्रा पर लगाई गई शर्तों के तहत अभियुक्तों को रिहा करने का आदेश दिया है.

इन शर्तों के तहत उक्त आठों अभियुक्तों को भी रिहाई के एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ना होगा, वे अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान यूपी अथवा दिल्ली में नहीं रुक सकेंगे. इस दौरान अपने रहने के स्थान की जानकारी उन्हें ट्रायल कोर्ट के साथ-साथ जहां वे रहेंगे वहां के स्थानीय थाने पर देनी होगी तथा वे सप्ताह में एक दिन उस थाने पर हाजिरी भी लगाएंगे. उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा. वे ट्रायल में उपस्थित होने के लिए यूपी में आ सकेंगे. अभियुक्तों के परिवार अथवा समर्थकों द्वारा यदि गवाहों को धमकी या प्रभावित करने का प्रयास किया जाता है तो अंतरिम जमानत को निरस्त कर दिया जाएगा तथा यदि अभियुक्तगण ट्रायल में देरी का प्रयास करते हैं तो यह उनके अंतरिम जमानत को निरस्त करने का एक वैध आधार होगा. इसी के साथ न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह अगली सुनवाई पर अंतरिम जमानत को जारी रखने अथवा समाप्त करने पर विचार करेगी.


यह भी पढ़ें : Ways to Worship Surya Dev: सूर्य देव को करना है खुश, तो भूल कर भी रविवार के दिन ना करें ये काम

ABOUT THE AUTHOR

...view details