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हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गायत्री प्रजापति को राहत देने से किया इनकार

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Published : Jul 4, 2023, 10:24 PM IST

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व मंत्री को राहत देने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है.

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लखनऊ:हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को मनी लॉन्ड्रिंग के मुकदमे में राहत देने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा विवेचना से पता चलता है कि मंत्री बनने के बाद गायत्री प्रजापति की संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि हुई है. प्रथम दृष्टया अपराध घटित होना पाया जाता है. लिहाजा अभियुक्त के खिलाफ आरोप तय कर के ट्रायल कोर्ट ने कोई त्रुटि नहीं की है.

यह निर्णय न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने गायत्री प्रजापति की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया. याचिका में गायत्री ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की विशेष अदालत द्वारा उनके खिलाफ आरोप तय किए जाने और आरोपों से बरी किए जाने सम्बंधी प्रार्थना पत्र को विशेष अदालत द्वारा खारिज किए जाने को चुनौती दी थी. गायत्री की याचिका का प्रवर्तन निदेशालय के अधिवक्ता ने विरोध किया. न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कहा कि विवेचना से पता चलता है कि अभियुक्त की मंत्री पद पर रहते हुए ज्ञात स्त्रोतों से कुल आय 72 लाख 38 हजार रुपये हुई. जबकि अभियुक्त, उसके परिवार के सदस्यों, बेनामी संपत्तियों और कंपनियों की कुल सम्पत्ति 35 करोड़ रुपये है. अभियुक्त इस 35 करोड़ रुपये की सम्पत्ति के स्त्रोत के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका है.


न्यायालय ने यह भी पाया कि ईडी द्वारा दर्ज कराए गए परिवाद में अभियुक्त से सम्बंधित कुल 57 बैंक खातों का पता चला. जिनमें से 7 अभियुक्त की पत्नी, छह-छह उसके दो बेटों अनिल कुमार प्रजापति व अनुराग प्रजापति, 5 बेटी सुधा प्रजापति व 14 उसके खुद के नाम से हैं. इनके अलावा बाकी खाते अन्य लोगों व कंपनियों के नाम से हैं. यही नहीं न्यायालय ने यह भी पाया कि अभियुक्त से सम्बंधित कुल 60 अचल संपत्तियों का भी पता लगाया गया. जिनकी कुल कीमत 33 करोड़ 44 लाख रुपये से अधिक है. इनमें से चार अनुराग प्रजापति, 9 अनिल कुमार प्रजापति, 2 अभियुक्त की पत्नी, 2 बेटी सुद्धा प्रजापति तथा एक-एक दूसरी बेटी अंकिता व बहू शिल्पा के नाम हैं. बाकी की सम्पत्तियां अन्य लोगों व ऐसी कंपनियों के नाम हैं. जिनमें अनिल कुमार प्रजापति डायरेक्टर है. न्यायालय ने कहा कि प्रथम दृष्टया अभियुक्त ने बेनामी सम्पत्तियां भी अर्जित की हैं.

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