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साथियों के जाने का गम, अपनी ही सरकार पर बिफर पड़े बीजेपी MLA

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Published : May 21, 2021, 7:25 AM IST

उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी की चपेट में आने से एक माह में योगी सरकार में मंत्री समेत पांच भाजपा विधायकों का निधन हो गया. अपने साथियों के चले जाने से अन्य विधायक और मंत्री बेहद दुखी हैं. धीरे-धीरे विधायकों का गुस्सा अपने ही सरकार के प्रति दिखने लगा है...पढ़ें पूरी खबर-

भाजपा विधायक
भाजपा विधायक

लखनऊ: प्रदेश में पिछले एक महीने में पांच विधायकों का निधन हो गया है. इन विधायकों में योगी सरकार के एक मंत्री भी शामिल हैं. शायद यही वजह कि एक के बाद एक साथियों के निधन से आहत भाजपा विधायक अपनी ही सरकार में अव्यवस्थाओं को लेकर मुखर होते देखे गए. भाजपा के सांसद, मंत्री और विधायकों ने अधिकारियों पर सुनवाई नहीं करने के आरोप लगाए. ऑक्सीजन, बेड और दवाओं की कमी को लेकर सवाल किए. कोविड की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब तक सरकार के तीन मंत्रियों को कोरोना निगल गया है.

भाजपा विधायक ने लिखा पत्र.

कोरोना की पहली लहर इतनी खतरनाक नहीं थी

विधायकों ने विधानसभा में अपने साथियों को ही नहीं खोया है, बल्कि उन्हें अपने परिजनों को भी खोने का गम है. कोरोना की पहली लहर इतनी खतरनाक नहीं थी, फिर भी बड़ी संख्या में लोगों ने अपनों को खोया था. पिछली लहर में ही नामी क्रिकेटर और योगी सरकार के कद्दावर मंत्री चेतन चौहान लंबी लड़ाई के बाद कोरोना से जंग हार गए. उनके बाद दूसरी कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण को भी कोरोना निगल गया. कोरोना की दूसरी लहर बहुत ही घातक साबित हो रही है. पिछले एक महीने में एक-एक कर पांच विधायकों की संक्रमण से जान चली गई, इनमें योगी सरकार के एक मंत्री विजय कश्यप का नाम भी शामिल है.

भाजपा विधायक ने लिखा पत्र.

सांसद और विधायकों ने उठाए सवाल

एक के बाद एक विधायकों का इस प्रकार असमय जाना जनप्रतिनिधियों को झकझोर दिया. सांसद कौशल किशोर ने तो अस्पतालों में अव्यवस्थाओं को लेकर कई बार सरकार को कटघरे में खड़ा किया. मुख्यमंत्री को बार-बार पत्र लिखा. धरने पर बैठने की चेतावनी दी. सुलतानपुर से विधायक देवमणि दुबे ने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया. पहले तो उन्हें घेरने की कोशिश हुई, लेकिन बाद में दो जिलों के महत्वपूर्ण अधिकारियों पर सरकार को कार्रवाई करनी पड़ी.

भाजपा विधायक ने लिखा पत्र.

अभी हाल ही में सीतापुर से भाजपा विधायक राकेश राठौर ने प्रशासन पर गम्भीर सवाल खड़ा किए. उनका एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें, मीडिया के प्रतिनिधियों ने उनसे अस्पताल के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि 'सच कहूंगा तो देशद्रोह लग जायेगा.' उनका इशारा किसी और पर नहीं बल्कि मौजूदा सरकार की तरफ ही था. उन्होंने कहा कि 'इस सरकार में विधयकों की हैसियत ही क्या है? विधायक का अपनी ही सरकार पर सवाल उठना सामान्य बात नहीं है. पार्टी के ही एक विधायक ने कहा कि ज्यादातर जनप्रतिनिधियों का यही हाल है. उनके अंदर भी गुस्सा है. इसमें सरकार ही नहीं बल्कि संगठन भी शांत है. अंदरखाने में तो विधायकों को समझाने की कोशिश की गई, लेकिन क्या हुआ बात बाहर नहीं आई.'

भाजपा विधायक ने लिखा पत्र.

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अव्यवस्थाओं को लेकर किया ट्वीट

इन विधायकों का हुआ निधन

पिछले एक महीने की बात करें तो लखनऊ पश्चिम के विधायक सुरेश श्रीवास्तव, रायबरेली के भाजपा विधायक दल बहादुर कोरी, औरैया के रमेश दिवाकर, नवाबगंज बरेली के केसर सिंह गंगवार और इनके बाद गत मंगलवार को योगी सरकार के मंत्री विजय कश्यप का कोरोना से निधन हो गया. विजय कश्यप मुजफ्फरनगर जिले की चरथावल विधानसभा सीट से पहली बार चुने गए थे. इससे पूर्व योगी सरकार के दो मंत्री चेतन चौहान, कमल रानी वरुण, समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य एसआरएस यादव का भी कोरोना की चपेट में आने से निधन हो गया है. जौनपुर के वरिष्ठ सपा नेता और पूर्व मंत्री पारसनाथ यादव, देवरिया सदर के विधायक जन्मेजय सिंह समेत कई पूर्व सांसदों का भी करोना से निधन हुआ था.

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