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यूपी के इस अस्पताल में अब होगा पांच मिनट में आंखों का ऑपरेशन, लगाई गई मॉडर्न मशीनें

लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में शुगर पीड़ित मरीजों के डायबिटक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy) का सिर्फ पांच मिनट में मुमकिन होगा ऑपरेशन. चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने 75 बेड की पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) का किया उद्घाटन. केजीएमयू अस्पताल के बहुमंजिला भवन में फायर फाइटिंग सिस्टम की होगी व्यवस्था.

केजीएमयू में होगा पांच मिनट में आंखों का ऑपरेशन
केजीएमयू में होगा पांच मिनट में आंखों का ऑपरेशन

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Published : Dec 21, 2021, 7:52 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी(KGMU) में शुगर पीड़ित आंखों के रोगियों का बेहतर इलाज हो सकेगा. डायबिटक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy) का सिर्फ पांच मिनट में ऑपरेशन मुमकिन हो सकेगा. इसके लिए नए सेंटर में आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं. चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने 75 बेड की पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) का उद्घाटन किया.


स्वास्थ्य सेवाओं में हुआ सुधारः मंत्री
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि पिछले पांच सालों में स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार किया गया है. अस्पतालों को वेंटिलेटर सुविधाओं से लैस किया गया है और ऑक्सीजन के प्लांट लगवाए गए. उन्होंने कहा कि डायबिटीज तेजी से बढ़ रहा है. 10 में छठा व्यक्ति डायबिटीज की चपेट में हैं. ऐसे में डायबिटीक रेटिनोपैथी बढ़ रही है. केजीएमयू में डायबिटीक रेटिनोपैथी सेंटर शुरू होने से मरीजों के ऑपरेशन हो सकेंगे.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने किया 75 बेड की पीआईसीयू का उद्घाटन

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राजनीति का ऑफर बड़ा मुश्किल होता है...
सुरेश खन्ना ने कहा कि मौजूदा सरकार का पांच साल पूरा होने जा रहा है और हम सब फिर से परीक्षा देने जा रहे हैं. डॉक्टरों से कहा कि आप लोग एक बार इंटरव्यू देकर हमेशा के लिए चयनित हो जाते हैं मगर हमें हर पांच साल बाद परीक्षा देनी पड़ती है और रिफ्रेशर कोर्स करना पड़ता है. राजनीति की डगर बहुत मुश्किल है इस परीक्षा से हम बच नहीं सकते हैं. सभी को इस बात का मूल्यांकन करना चाहिए कि इन सालों में हमने क्या खोया-क्या पाया? सही दिशा में काम करने से कठिनाई कम होती है.

बढ़ी कई और सुविधाएं
केजीएमयू के कुलपति डॉक्टर विपिन पुरी ने कहा कि केजीएमयू में 75 बेड का पीआईसीयू शुरू किया गया. इसमें बेड, वेंटिलेटर, अल्ट्रासाउंड मशीनें, ऑक्सीजन सिलेंडर एवं अन्य उपकरण शामिल है. वहीं 2018 में ट्रॉमा सेंटर में आग लगी थी उसके बाद निर्णय लिया गया कि प्रत्येक बहुमंजिला भवन में फायर फाइटिंग सिस्टम और रैंप की व्यवस्था की जाएगी. ट्रॉमा सेंटर में वर्ष 2019 से निर्माण कार्य शुरू हुआ. 4.42 करोड़ से रैंप का निर्माण हुआ है. उन्होंने कहा कि खदरा स्थित नर्सों के रहने के लिए ट्रांजिट हॉस्टल बनाया गया है. 10 मंजिला भवन 74.12 करोड़ का खर्च आया है. इसमें 4.95 करोड़ रुपये का फर्नीचर लगाया जाएगा इसका प्रस्ताव भेजा गया है.

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