उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

राज्य विश्वविद्यालय और सरकारी कॉलेज ले रहे मनमानी फीस, गरीबों की पहुंच से बाहर हुई पढ़ाई

By

Published : Jul 11, 2023, 8:30 PM IST

Updated : Jul 11, 2023, 9:16 PM IST

उत्तर प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों के अलावा सरकारी काॅलेजों में भी पढ़ाई काफी महंगी हो गई है. इस बाबत राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों में एक समान फीस को लेकर शासनादेश जारी किया था, किंतु कई विश्वविद्यालयों ने इसे मानने से इंकार कर दिया. ऐसे में गरीब तबके के बच्चों की पढ़ाई उनके परिवार के आमदनी से बाहर हो गई है. पढ़ें यूपी के ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी का विश्लेषण.

Etv Bharat
Etv Bharat

लखनऊ : यूपी के राज्य विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध कॉलेजों की फीस में कोई समानता नहीं है. कुछ राज्य विश्वविद्यालयों में फीस बहुत ज्यादा है, तो कहीं अन्य की तुलना में थोड़ी कम. संबंधित सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी कॉलेजों का भी यही हाल है. फीस में कहीं कोई तारतम्य नहीं. इस पर भी आजकल राज्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को सेल्फ फाइनेंस के नाम पर दो, तीन और कहीं-कहीं तो चार गुनी तक फीस वसूली जा रही है. राज्य सरकार यह सब कुछ मूक दर्शक बनकर देख रही है. विगत वर्ष 11 जुलाई को राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों में एक समान फीस को लेकर शासनादेश जारी किया था, किंतु कुछ विश्वविद्यालयों ने इसे मानने से इंकार कर दिया.


लखनऊ विश्वविद्यालय.


राज्य विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध कॉलेजों में स्थिति है कि एक ही कोर्स की फीस एक ही विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में अलग-अलग वसूली जा रही है, जबकि इन कोर्सों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की योग्यता विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमानुसार एक जैसी ही है. बीए, बीएससी और बीकॉम जैसे सामान्य कोर्स भी अब लगभग सभी विश्वविद्यालयों में सेल्फ फाइनेंस में पढ़ाए जा रहे हैं, जबकि यह कोर्स पढ़ाने वाले ज्यादातर टीचर नियमित नहीं है और उन्हें नियमित शिक्षकों के मुकाबले मामूली वेतन ही दिया जाता है. सभी संसाधन भी विश्वविद्यालयों और संबद्ध कॉलेजों के ही उपयोग किए जाते हैं. फिर सेल्फ फाइनेंस के नाम पर बेतहाशा फीस वसूली क्यों? राजधानी के तीन राज्य विश्वविद्यालयों में मैनेजमेंट कोर्स में बीस हजार का अंतर है. स्वाभाविक है कि ऐसे कोर्स कर पाना एक आम आदमी के बस की बात नहीं है. दुखद यह है कि सरकारों का ध्यान इस ओर है ही नहीं.

गरीबों की पहुंच से बाहर हुई पढ़ाई.
कानपुर विश्वविद्यालय.



यूपी में 19 राज्य विश्वविद्यालय संचालित हैं, किंतु सभी की फीस में बड़ा अंतर देखा जा सकता है. लखनऊ से लगे कानपुर विश्वविद्यालय की फीस और लखनऊ विश्वविद्यालय की फीस में ही बड़ा अंतर है. हद तो यह है कि इन विश्वविद्यालयों और संबद्ध कॉलेजों के प्रवेश फार्म ही पांच सौ रुपये से लेकर एक हजार रुपये में मिल रहे हैं. स्वाभाविक है कि यह विश्वविद्यालयों और संबद्ध कॉलेजों की कमाई का जरिया बन गए हैं. पिछले वर्ष शासन ने अपने आदेश में सभी विश्वविद्यालयों के लिए बीए, बीकॉम, बीएससी, बीबीए, बीसीए, बीएड आदि कोर्सों के लिए प्रति सेमेस्टर आठ सौ रुपये शुल्क निर्धारित किया था. वहीं एलएलबी, बीएससी (ऑनर्स), बीटेक जैसे कोर्सों के लिए एक हजार रुपये शुक्ल निर्धारित किया गया था, किंतु राजधानी के ही लखनऊ विश्वविद्यालय ने शासनादेश मानने से इनकार कर दिया. लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध चार सौ से अधिक कॉलेजों ने इसे लेकर विरोध भी जताया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

यह भी पढ़ें : CUET Enterence Exam : सवालों के हटने से रैंक पर पड़ेगा असर, ऐसे छात्रों को होगा फायदा

Last Updated : Jul 11, 2023, 9:16 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details