लखनऊ :जाली नोट (fake currency) देने का झांसा देकर ठगी और लूट करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के मास्टरमाइंड (mastermind) को एटीएस वाराणसी की टीम ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है. जौनपुर के रहने वाले हरिओम उर्फ डॉक्टर पर लखनऊ पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित किया था. गिरोह ने अब तक उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और महाराष्ट्र में कई लोगों से काफी रकम लूटी है. यही नहीं पीड़ित व्यापारियों को अंडरवर्ल्ड के नाम पर धमकाता भी था. इससे पहले भी एटीएस गैंग के चार सदस्यों की गिरफ्तारी कर चुकी है.
एटीएस की पूछताछ में गैंग के मास्टरमाइंड हरिओम ने बताया कि उसका गैंग 2013 से सक्रिय है. हम लोग जिन व्यक्तियों को लूट और डकैती, ठगी के लिए टारगेट करते थे. पहले उन्हें मीटिंग के लिए बुलाते थे. इस जाली नोट (fake currency) देने के संबंध में डील होती थी और बदले में उनसे पांच से 10 लाख रुपये टोकन मनी लेते थे. मीटिंग में ही हम उन्हें जाली नोट (fake currency) न देकर असली नोट देते थे.
आरोपी ने बताया कि करेंसी को पार्टी के सामने ही एटीएम मशीन में डिपाजिट कराकर उनका विश्वास जीतते थे और उन्हें शीशे के बाक्स, डाई और कागज के टुकड़ों के बंडल दिखाकर, ये भरोसा दिलाते थे कि इन्हीं से हम उच्च गुणवत्ता की जाली नोट (fake currency) तैयार करते हैं. पूरी तरह से भरोसे में लेकर उन्हें देश के अलग-अलग शहरों में बुलाकर पैसे को लूट लेते थे. यही नहीं, अंडरवर्ल्ड के नाम पर जान से मारने की धमकी देकर भगा देते थे.
इससे पहले यूपी एटीएस (UP ATS) ने इस गैंग के चार सदस्यों की गिरफ्तारी कर चुकी है. एडीजी एटीएस नवीन अरोड़ा (ADG ATS Naveen Arora) के मुताबिक मई 2022 को गैंग के दो सदस्यों अनुज सिंह व अरुण चौबे को झारखंड के धनबाद से गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद जुलाई 2022 को गिरोह के मुख्य मास्टरमाइंड रामायण सिंह को उसके साथी विधायक के साथ महाराष्ट्र के पालघर से गिरफ्तार किया था. इन सभी आरोपियों पर लखनऊ पुलिस से 25-25 हजार रुपय इनाम घोषित कर रखा था.
यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में होगा बड़ा बदलाव, प्रमोशन की तैयारी