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महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद मठ में आयोजित हुआ धूल रोट कार्यक्रम, देश के अलग-अलग हिस्सों से आये साधु संत

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Published : Sep 24, 2021, 1:59 PM IST

देश के अलग-अलग हिस्सों से आये साधु संत
देश के अलग-अलग हिस्सों से आये साधु संत

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद शुक्रवार को धूल रोट का आयोजन किया गया. जिसमें देश के कई हिस्सों से साधु संत शामिल हुए. बता दें कि मंहत की समाधि देने के तीसरे दिन धूल रोट का आयोजन होता है.

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद शुक्रवार को धूल रोट का आयोजन किया गया. महंत को समाधि देने के तीसरे दिन धूल रोट का आयोजन किया जाता है. मठ बाघम्बरी गद्दी में आयोजित इस कार्यक्रम में सभी तेरह अखाड़ों से जुड़े साधु संत शामिल हुए. इसके साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों से आये साधु भी धूल रोट में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचे थे.


धूल रोट में सवा किलो आंटे की बनती है एक रोटी

धूल रोट कार्यक्रम में सवा किलो आंटे की एक रोटी बनायी गई. जिसके बाद उसे घी, चीनी और मेवा के साथ मिलाकर कूटकर चूरमा बनाया गया. उसी चूरमे का महंत नरेंद्र गिरी की समाधि पर भोग लगाया गया. भोग लगाने से पहले उनकी समाधि स्थल पर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करके आरती उतारी गयी. पूजा और भोग के बाद उसी चूरमे का प्रसाद सभी को दिया गया.

देश के अलग-अलग हिस्सों से आये साधु संत
आज से मठ के रसोई में बनने लगेगा कच्चा भोजन
धूल रोट कार्यक्रम के बाद से मठ के चूल्हे में कच्चा भोजन यानी कि दाल चावल बनने लगेगा. क्योंकि महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद से रसोई में कच्चा भोजन नहीं बन रहा था. धूल रोट की पूजा के बाद अब फिर से मठ की रसोई में दाल चावल बनेगा. जिसे यहां पहुंचने वाले संत खाएंगे.
शाम को समाधि पर जलाया जाएगा घी का दीपक
धूल रोट के आयोजन के बाद शुक्रवार की शाम से समाधि स्थल पर अखंड दीपक जलाया जाएगा. इस दीपक को जलाने के बाद से समाधि स्थल पर पूजा के साथ ही भोग लगाया जाएगा. जिस तरह से भगवान की पूजा आरती की जाती है. उसी तरह से समाधि स्थल पर भी पूजा पाठ की जाएगी.

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