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CUET 2023 : परीक्षा की तैयारी कर रहे कॉमर्स के विद्यार्थियों को इन बातों का रखना होगा ध्यान, पढ़िए विषय विशेषज्ञ के टिप्स

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Published : Apr 24, 2023, 12:06 PM IST

कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के लिए कॉमर्स विषय से परीक्षा की तैयारी में जुटे विद्यार्थियों को कई बातों का ध्यान रखने की जरूरत है. विषय विशेषज्ञ ने इस पर विस्तार से जानकारी दी.

सीयूईटी में कॉमर्स विषय की तैयारी पर विषय विशेषज्ञ ने टिप्स दिए.
सीयूईटी में कॉमर्स विषय की तैयारी पर विषय विशेषज्ञ ने टिप्स दिए.

सीयूईटी में कॉमर्स विषय की तैयारी पर विषय विशेषज्ञ ने टिप्स दिए.

लखनऊ :देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाले कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के कॉमर्स स्ट्रीम में सबसे अधिक मारामारी होती है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी अगले महीने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्नातक विषयों में प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा आयोजित कराने जा रही है. ऐसे में बीकॉम सहित कॉमर्स विषय से जुड़े स्ट्रीम में प्रवेश लेने के लिए छात्रों के पास तैयारी करने का यह आखिरी मौका है. कॉमर्स विषय की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को किन चीजों का ध्यान रखना है, विषय विशेषज्ञ डॉक्टर विशाल सक्सेना ने इस पर टिप्स दिए.

कॉमर्स विषय के विशेषज्ञ डॉक्टर विशाल सक्सेना का कहना है कि सीयूईटी में कॉमर्स विषय में 12वीं का पार्ट ज्यादा पूछा जाएगा. जो बच्चे कॉमर्स की पढ़ाई करना चाह रहे हैं. उन्होंने आखिरी समय में बोर्ड परीक्षा के लिए जो तैयारी की थी उस पर फोकस करना सबसे बेहतर रहेगा. उन्होंने बताया कि सीयूईटी के सिलेबस के अनुसार छात्रों को 12वीं क्लास के टॉपिक्स ज्यादा पूछे जाएंगे जबकि ग्यारहवीं क्लास के टॉपिक्स न के बराबर ही रहेंगे. उन्होंने बताया कि कॉमर्स विषय के लिए छात्रों को अकाउंटिंग फॉर नॉट फॉर प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन, अकाउंटिंग फॉर पार्टनरशिप फर्म फंडामेंटल्स, रिकंस्टीट्यूशन आफ पार्टनरशिप फॉर्म, डिसोल्यूशन ऑफ पार्टनरशिप फॉर्म, अकाउंटिंग फॉर शेयर कैपिटल, फाइनेंसियल स्टेटमेंट ऑफ ए कंपनी, अकाउंटिंग रेश्यो व कैश फ्लो स्टेटमेंट जैसे टॉपिक काफी महत्वपूर्ण है.

विषय विशेषज्ञ ने बताया कि इकोनॉमिक्स विषय दो बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना है. कॉमर्स स्ट्रीम में अकाउंट्स के अलावा इकोनॉमिक्स विषय के विद्यार्थियों को भी तैयारी करते समय दो चीजों पर विशेष तौर पर फोकस करना चाहिए. कोर इकोनॉमिक्स के फंडामेंटल्स की जानकारी, इसके अलावा इंडियन इकोनामी के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. इसके अलावा माइक्रो इकोनॉमिक्स में नेशनल इनकम अकाउंटिंग, मनी एंड बैंकिंग, डिटरमिनेशन ऑफ इनकम एंड एंप्लॉयमेंट, गवर्नमेंट बजट एंड इकोनामी और ओपन इकोनामी माइक्रोइकोनॉमिक्स जैसे टॉपिक पर फोकस करना चाहिए. जबकि इंडियन इकोनामिक टॉपिक्स में विद्यार्थियों को डेवलपमेंट्स एक्सपीरियंस (1947-50), इंडियन इकोनामी 1950 से 1990 तक, प्राइवेटाइजेशन, ग्लोबलाइजेशन, पॉवर्टी, रूरल डेवलपमेंट, एंप्लॉयमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर, एनवायरमेंटल एंड सस्टेनेबल इकोनामिक डेवलपमेंट, डेवलपमेंट स्ट्रेटेजीज ऑफ इंडिया, पाकिस्तान एंड चाइना व ह्यूमन कैपिटल फॉरमेशन जैसे टॉपिक पर फोकस करना चाहिए.

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