लखनऊ : रामचरितमानस में विवादित टिप्पणी करने के मामले में राजधानी पुलिस ने स्वामी प्रसाद मौर्य को दोषी माना है. पुलिस ने मौर्य के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ जनवरी में हजरतगंज थाने में धार्मिक भावनाएं आहत करने को लेकर जनवरी में केस दर्ज कराया गया था.
रामचरित मानस विवाद में पुलिस ने स्वामी प्रसाद मौर्य को माना दोषी, चार्जशीट दाखिल
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान को लपकने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ गई हैं. हजरतगंज इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार मिश्रा के मुताबिक मुकदमे की विवेचना के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य को दोषा माना गया है. इसको लेकर अब कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है.
हजरतगंज इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार मिश्रा के मुताबिक मुकदमे की विवेचना के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य के वीडियो बयान की फोरेंसिक जांच कराई गई थी. जिसमें सामने आया है कि यह बयान आरोपी स्वामी प्रसाद मौर्य का ही था. जिसके आधार पर मौर्य को नोटिस भेजा गया था. अब जांच पूरी करने के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है.
दरअसल, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था. जिसके बाद देश भर में बवाल मच गया था. इस विवाद में स्वामी प्रसाद मौर्य भी कूद पड़े और चंद्रशेखर का समर्थन करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित बयान देते हुए इससे विवादित अंश बाहर करने या इसे बैन करने की मांग की थी. मौर्य ने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. रामचरितमानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे सरकार बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए. मौर्य ने कहा कि ब्राह्मण भले ही लंपट, दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान या फिर ज्ञाता हो, उसका सम्मान मत करिए. क्या यही धर्म है? बवाल मचने के बाद लखनऊ के हजरतगंज थाने की पुलिस ने स्वामी प्रसाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 ए, 298, 504 और 153 के तहत दर्ज किया था.
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