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यूपी नगर निकाय चुनाव, कांग्रेस से पार्षद प्रत्याशी बनने से पहले नेताओं को देनी होगी अग्नि परीक्षा

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Published : Dec 25, 2022, 12:37 PM IST

कांग्रेस पार्टी ने नगर निकाय चुनाव के लिए आवेदन पत्र जारी किया है. कांग्रेस ने अपने आवेदन पत्र में कई शर्ते रखी हैं, जिन्हें पूरी करना पाना आवेदनकर्ता के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. आखिर क्या हैं ये शर्तें जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर..

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कांग्रेस कार्यालय

कांग्रेस प्रवक्ता डीपी सिंह

लखनऊः कांग्रेस का प्रत्याशी बनने से पहले नेताओं को उनके क्षेत्र का जातीय समीकरण बताना होगा. साथ ही आवेदन पत्र के साथ 300 समर्थकों की सूची भी सौंपना होगी. कांग्रेस पार्टी के नगर निकाय चुनाव के लिए पार्टी की ओर से जारी आवेदन फॉर्म को देखकर कई नेताओं ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं. व्यक्तिगत परिचय के साथ ही चुनाव क्षेत्र की जातीय समीकरण समेत ऐसी तमाम जानकारियां मांगी गई हैं, जो चुनाव लड़ने की उम्मीद लगाए नए नेताओं के लिए काफी मुश्किल भरा है.

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कांग्रेस पार्टी की प्रदेश में हालत भले ही छोटे दलों से भी ज्यादा खराब हो, लेकिन पार्टी नए सिरे से अपने आप को खड़ा कर रही है. ऐसे में पार्टी ने इन चुनाव के साथ आने वाले चुनाव के लिए भी तैयारियां शुरू की है, जिसके लिए प्रत्याशी बनने वाले सभी नेताओं से यह जानकारियां मांगी जा रही है.

आवेदन पत्र में व्यक्तिगत परिचय के साथ चुनाव क्षेत्र का जातीय समीकरण समेत ऐसी तमाम जानकारियां मांगी गई हैं. यह जानकारियों उपलब्ध कराना प्रत्याशी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा. कांग्रेस नगर निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए कोई मौका गंवाना नहीं देना चाहती है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता नगर निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं. लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले नगर निकाय चुनाव को पार्टी पदाधिकारी सेमीफाइनल के रूप में ले रही हैं. ऐसे में पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में अपने संगठन को मजबूत करने के साथ ही नए लोगों को जोड़ने के लिए यह सारे कदम उठाए हैं, ताकि नए नेताओं के साथ ही नए लोगों को पार्टी से जोड़ा जा सके.

आवेदन विवरण पुस्तिका

कांग्रेस अपनी खोयी हुई पुरानी ताकत को वापस पाने की कवायद में पूरे जी-जान से जुटी है. प्रियंका गांधी के राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद कांग्रेस ने जिस तरह 2022 के विधानसभा में 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' का नारा बुलंद कर मजबूत दावेदारी पेश किया था. हालांकि उसे चुनाव में उस अनुरूप कोई परिणाम नहीं मिले, लेकिन पार्टी का मानना है कि इससे लोगों में कांग्रेस को लेकर एक नई उम्मीद जगी है. कांग्रेस उसी प्रक्रिया को एक कदम आगे बढ़ाने की कवायद में जुटी हुई है. प्रदेश अध्यक्ष समेत समस्त प्रांतीय अध्यक्ष जनपदों में संगठन को सक्रिय करने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं. इस कड़ी में पार्टी ने नगर निकाय चुनाव में प्रत्याशी चयन के लिए एक आवेदन पत्र जारी किया है.

16 पन्नों के इस आवेदन पत्र में संभावित उम्मीदवार को व्यक्तिगत परिचय विवरण मांगा गया है. एक पेज पर सोशल इंजीनियरिंग के तहत चुनाव क्षेत्र की पांच मुख्य जातियों का विस्तृत विवरण मांगा गया है. इसके साथ ही चुनाव क्षेत्र की 10 प्रमुख समस्याएं, चुनाव क्षेत्र के 10 राजनीतिक प्रभावशाली व्यक्तियों के विवरण, क्षेत्र के 10 गैर राजनीतिक व सामाजिक प्रभावशाली लोगों का विवरण मांगा गया है. इसके अलावा चुनाव क्षेत्र के तीन सौ महत्वपूर्ण समर्थकों की सूची भी मांगी गई है. संभावित प्रत्याशियों से यह जानकारियां नाम, पता और मोबाइल फोन के साथ मांगी गई हैं. पार्षदी के लिए आवेदन करने वाले नेताओं व्यक्तिगत परिचय में सोशल मीडिया में फेसबुक, ट्वीटर व इंस्ट्राग्राम के फॉलोअर्स की भी जानकारी देनी होगी. जातीय विवरण में चुनाव में जाति, आबादी में हिस्सा, राजनीतिक झुकाव, जाति के तीन बड़े नेता और नेताओं का मोबाइल फोन नंबर भी देना होगा. यह आवेदन पत्र नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत चुनाव में आवेदन के लिए जारी किया गया है.

कांग्रेस ने जब नगर निगम और नगर निकाय चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाने उम्मीद लगाए बैठे. नेताओं के लिए आवेदन फॉर्म जारी किए थे, तो शुरुआती कुछ दिनों में कांग्रेस दफ्तर में टिकट पाने वाले नेताओं की चोट लगी थी. कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि शुरुआत में रोज 25 से 30 आवेदन फॉर्म जा रहे थे. मौजूदा समय में इक्का-दुक्का फॉर्म भी लेने नेता आ रहे हैं. इस पूरे मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता डीपी सिंह का कहना है कि पहले चुनाव जल्दी होने की उम्मीद तो लोग लगातार आ रहे थे, लेकिन मामला हाईकोर्ट में होने के कारण ऐसा लग रहा है कि चुनाव में देरी होने की संभावना है. इसके कारण टिकट की उम्मीद लगाए नेता अब थोड़े सुस्त हो गए हैं. एक बार चुनाव प्रक्रिया में तेजी आएगी दोबारा से आवेदन फॉर्म लेने वाले नेताओं संख्या में भी तेजी आएगी.

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