लखनऊ: कोरोना वैक्सीन अभी तक 18 साल से अधिक वालों को लगाई जा रही है. वहीं, अब दो साल से अधिक और 18 साल से कम आयु के बच्चों और किशोरों को डोज लगेगी. इस आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन लगाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, यूनिसेफ व स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. लखनऊ के कोरोना टीकाकरण अधिकारी डॉ एमके सिंह के मुताबिक बच्चों के लिए अभी तक को-वैक्सीन की आपूर्ति की सूचना है. यह कब आएगी, अभी स्पष्ट नहीं है. वहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के वैक्सीनेशन नोडल ऑफिसर डॉ. मनोज शुक्ला के मुताबिक केंद्र सरकार की गाइड लाइन का इंतजार है. यूपी में बच्चों के टीकाकरण के लिए तैयारी पूरी है.
देश में बच्चों के लिए दो वैक्सीन की मंजूरी मिली है. एक को-वैक्सीन है, यह दो वर्ष से लेकर 18 वर्ष से कम के बच्चों और किशोरों को लगाई जाएगी. वहीं, जायड्स कैडिला (जायकोड-डी) 12 वर्ष से 17 वर्ष के किशोरों के लिए बनी है. इसकी तीन डोज लगेंगी. वहीं, डीएनए आधारित यह वैक्सीन निडिल के बिना लगेगी. यह फार्माजेट तकनीक से लगेगी. इसमें बिना सुई वाली सिरंज में वैक्सीन भरी जाती है. फिर उसे एक मशीन में लगाकर बांह में लगाते हैं. मशीन पर लगी बटन को दबाते ही सिरंज में मौजूद दवा शरीर के अंदर पहुंच जाती है. यह फार्माजेट महंगा आता है. इसकी वजह से कंपनी और सरकार के बीच में वैक्सीन की कीमत को लेकर ऊहापोह बना हुआ है.
बच्चों की कोरोना से सुरक्षा के लिए पहले आएगी को-वैक्सीन!
देश में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन की मंजूरी मिल गई है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने मानकों पर खरा उतरने पर दो स्वदेशी वैक्सीन को हरी झंडी दी है. इनकी आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार और कंपनी के बीच मंथन चल रहा है. वहीं यूपी की बात करें, तो यहां के अफसर पहले को-वैक्सीन आपूर्ति की बात कह रहे हैं.
पहले आएगी को-वैक्सीन!
राज्य सरकार बच्चों के टीकाकरण को लेकर डबल प्लान बना रही है. यह प्लान वैक्सीन की डोज कितनी मिलती हैं, इस आधार पर लागू किए जाएंगे. सबसे पहले फिक्स साइट यानी बूथ बनाकर टीका लगाया जाएगा. वहीं, पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन मिलने पर कैम्प भी लगाए जाएंगे.
- देश में 18 वर्ष से कम 44 करोड़ बच्चे-किशोर
- 12 से 17 की उम्र के 12 करोड़ बच्चे-किशोर
- पहले को-मॉर्बिडिटीज वाले बच्चों को लगेगी डोज
- वैक्सीन लगने बाद बच्चों को भेजा जा सकेगा स्कूल
- ट्रायल में बच्चों पर कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखे