उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

30 साल के बाद महिला हर पांच वर्ष पर कराएं सर्वाइकल कैंसर की जांचः डॉक्टर एसपी

By

Published : May 13, 2022, 10:59 PM IST

महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से सजह रहना होगा. 30 साल के बाद हर पांच साल पर जांच जरूरी है.

etv bharat
केजीएमयू में नेशनल हेल्थ मिशन

लखनऊः महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से सजग रहना होगा. 30 साल के बाद हर पांच साल पर जांच जरूरी है. इससे समय पर बीमारी को पकड़कर उसका इलाज किया जा सकेगा. केजीएमयू में नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की ओर से शुक्रवार को सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग ट्रेनिंग कार्यक्रम हुआ. इस दौरान क्वीन मेरी की चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एसपी ने कहा कि अब सर्वाइकल कैंसर की पहचान और पहले हो सकेगी. बीमारी की आशंका में आने वाली महिलाओं की जांच की जाएगी. इससे कैंसर से पहले (प्री कैंसर) चिन्हित किया जा सकेगा.

इसमें 12 महिला जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने प्रशिक्षण हासिल किया है. डॉक्टर एसपी जायसवार ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर को शुरुआत में पता लगाने के लिए महंगी मशीने लगाने की जरूरत नहीं है. सिर्फ एसिटिक एसिड के 5 फीसदी सल्यूशन को सर्विक्स पर लगाने से कैंसर का कुछ ही समय में पता लगाया जा सकेगा. इसके बाद ऐसे मरीजों को थेरेपी देकर कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जा सकता है.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि रेडियो पर ऐसे कार्यक्रम का प्रसारण होना चाहिए, जिससे मरीजों को अस्पताल परिसर में आने पर क्या-क्या करना चाहिए. उसका पर्चा कहां बनेगा. डॉक्टर कहां मिलेंगे. इसके साथ ही पंजीकरण कैसे होगा. ऑनलाइन या नंबर से नंबर न लगे तो एक चिट्ठी डालने का सुझाव दिया. जिससे मरीजों को अस्पताल में घर जैसा महसूस हो सके. इन बातों का प्रसारण रेडियो केजीएमयू गूंज के माध्यम से होना चाहिए.

इसे भी पढ़ें- तबीयत खराब होने की वजह से हनुमान गढ़ी के महंत संत रामदास मेदांता अस्पताल में भर्ती

कार्यक्रम के दौरान वीसी डॉ. बिपिन पुरी ने बताया कि यह चिकित्सा क्षेत्र का पहला कम्युनिटी रेडियो स्टेशन है. केजीएमयू गूंज एप के माध्यम से पूरी दुनिया से जुड़ सकते हैं. यह चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाएगा. साथ ही यह भी बताया कि कोविड काल से हमें यह पता चला कि जनमानस से जुड़ने का एक ऑनलाइन प्लेटफार्म बहुत अच्छा माध्यम है. वहीं, केजीएमयू गूंज के अधिषासी अधिकारी प्रो. विनोद जैन ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा जनमानस को स्वास्थ्य, योग, ध्यान, स्वस्थ जीवन शैली खान-पान, रहन-सहन, व्यायाम, कृषि आदि विषय पर रोचक तरीके से प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध कराना है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details