लखनऊ :लखनऊ विश्वविद्यालय व संबद्ध डिग्री कॉलेजों में नई शिक्षा नीति 2020 लागू हुए इस साल तीन वर्ष पूर्ण हो जाएंगे. ऐसे में विश्वविद्यालय व उससे संबद्ध 534 डिग्री कॉलेज में पढ़ रहे करीब 10 लाख से अधिक विद्यार्थियों का स्नातक इस साल पूरा हो जाएगा, ऐसे में जो विद्यार्थी स्नातक की डिग्री लेकर निकलेंगे उन्हें दो वर्ष का पीजी कोर्स करना होगा, वहीं जो छात्र चौथे वर्ष में स्नातक पूरा करेंगे, उन्हें एक साल का पीजी कोर्स करना होगा. ऐसे में विद्यार्थियों को नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद हर छात्र का एकेडमिक रिकॉर्ड प्रदेश लेवल पर अलग से संरक्षित किया जाएगा. इसके तहत जो विद्यार्थी कोर्स अवधि पूरा होने से पहले या पूरा कर अपनी पढ़ाई छोड़ेंगे, उन्हें एकेडमिक बैंक फॉर कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स ऑफ उत्तर प्रदेश (अबेकस-यूपी) पर पंजीकरण कराना होगा.
विद्यार्थियों को खुद कराना होगा पंजीकरण :लखनऊ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. संजय मेधावी ने बताया कि 'उत्तर प्रदेश सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद सभी विश्वविद्यालयों को अबेकस-यूपी पोर्टल पर एकेडमिक बैंक तैयार करने का निर्देश दिया है. हर विश्वविद्यालय के कुलसचिव को उसका नामित सदस्य बनाया गया है. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में 2020 से नई शिक्षा नीति लागू है. ऐसे में बीते 3 वर्षों में जितने भी विद्यार्थियों का विश्वविद्यालय व संबद्ध डिग्री कॉलेजों में प्रवेश हुआ है. उन सभी को अबेकस ऑफिस पर जाकर अपना डिटेल पंजीकृत करते हुए लॉगिन पासवर्ड बनाना होगा. डिग्री कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों को अबेकस-यूपी पर जाकर खुद पंजीकरण कराना होगा. इसके बाद छात्र अपना लॉगइन पासवर्ड अपने डिग्री कॉलेज या विश्वविद्यालय को भेजेंगे. जिसके बाद विश्वविद्यालय उसे एकेडमिक बैंक फॉर कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स ऑफ उत्तर प्रदेश (अबेकस-यूपी) अपलोड कर देगा. इसके बाद विश्वविद्यालय फाइनल परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद विद्यार्थी के द्वारा उपलब्ध कराए गए लॉगिन पासवर्ड पर उसका अंतिम विषय का परीक्षा परिणाम अपलोड कर देगा. डॉ. मेधावी ने बताया कि विश्वविद्यालय सभी छात्रों का एकेडमिक रिकॉर्ड अबेकस यूपी पर देख सकता है, जबकि छात्र अपने लॉगइन आईडी पर केवल अपना एकेडमिक रिकॉर्ड देख सकता है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के हर छात्र का डाटा भारत सरकार के एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) पर भी अपलोड होगा.'